विकिस्रोत:सप्ताह की पुस्तक/३३
संगीत-परिचय रामावतार 'वीर' द्वारा रचित पुस्तक है जिसका पहला संस्करण नई दिल्ली के आत्माराम एण्ड सन्स द्वारा १९५० ई. में प्रकाशित किया गया था।
"प्रश्न—स्वर किसको कहते हैं?
उत्तर—सुरीली और मीठी आवाज जो कानों को भली प्रतीत हो उसे स्वर कहते हैं।
प्रश्न—मूल स्वर कितने होते हैं?
उत्तर—मूल स्वर सात होते हैं।
प्रश्न—मूल स्वरों के पूरे नाम बताओ?
उत्तर—मूल स्वरों के पूरे नाम इस प्रकार हैं।
(१) षडज, (२) ऋषभ, (३) गन्धार, (४) मध्यम, (५) पंचम, (६) धैवत और (७) निषाद्
प्रश्न—मूल स्वरों के आधे नाम बताओ।
उत्तर—मूल स्वरों के आधे नाम हैं:—
सा रे ग म प ध नी..."(संगीत-परिचय पूरा पढ़ें)