रस मीमांसा
रामचंद्र शुक्ल, संपादक विश्वनाथ प्रसाद मिश्र

वाराणसी: नागरीप्रचारिणी सभा, पृष्ठ ६ से – ९ तक

 

विषय-सूची

विषय
पृष्ठ
 

काव्य


काव्य


काव्य की साधना .
काव्य और सृष्टि-प्रसार
काव्य और व्यवहार
मनुष्यता की उच्च भूमि
भावना या कल्पना
मनोरंजन
सौंदर्य
चमत्कारबाद
काव्य की भाषा
अलंकार
उपसंहार
काव्य के विभाग
आनंद की साधनावस्था
आनंद की सिद्धावस्था
माधुर्य पक्ष
काव्य का लक्षण
रोतिग्रंथों का बुरा प्रभाव
सूक्ति और काव्य
काव्य में असाधारणत्व


३-५४


२१
२३
२५
२६
२९
३३
४१
४८
५३
५५-८७
५८
७१
८५
८८-१०५
९४
१०१
१०२

विभाव

विभाव १०७-१५८

भाव

भाव १५९–१९०
भावों का वर्गीकरण १९१–२३८
स्थायी १९१
संचारी १९८
स्वतंत्र विषयवाले भाव २०७
मन के वेग २०८
अन्य अंतःकरण वृत्तियाँ २११
मानसिक अवस्थाएँ २१६
शारीरिक अवस्थाएँ २२९
असंबद्ध भावों का रसवत् ग्रहण २३९–२४७
विरोध-विचार २४८–२५६
आश्रयगत विरोध २५२
आलंबनगत विरोध २५२

रस

रसात्मक बोध २५९
प्रत्यक्ष रूपविधान २६१
स्मृत रूपविधान २७६–२९०
विशुद्ध स्मृति २७७
प्रत्यभिज्ञान २७९
स्मृत्याभास कल्पना २८१
कल्पित रूपविधान २९१–३००
कल्पना २९१
प्रस्तुत रूपविधान ३०१-३३५
अप्रस्तुत रूपविधान ३३६-३६४

शब्द-शक्ति शब्द-शक्ति ३६७-३८५ अभिधा लक्षणा तात्पर्य वृत्ति ::: ३८५ #वनि ३८६-४१६ संकर और संस्कृष्ट ध्वनि ... ३६८ व्यंजना की स्थापना ४०१ इस-निर्णय ::: ४१४ सूचक्र ४१५ परिशिष्ट [*] Examples for quotation R3-24: . [ व ] काव्यवाली पुस्तक के लिये मनोविज्ञान संबंधी । टिप्पणियाँ ।

४२६-४३२ | [ग] 'शब्द-शक्ति तथा परिशिष्ट द का मूल अँगरेजी ४३३-४६१