भ्रमरगीत-सार/३१३-बलैया लैहौं हो बीर बादर

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बलैया लैहौं, हो बीर बादर!
तुम्हरे रूप सम हमरे प्रीतम गए निकट जल-सागर॥
पा लागौं द्वारका सिधारौ बिरहिनि के दुखदागर।
ऐसो संग सूर के प्रभु को करुनाधाम उजागर॥३१३॥