भ्रमरगीत-सार/१०-नीके रहियो जसुमति मैया
कहियो जाय नंदबाबा सों निपट निठुर जिय कीन्हो।
सूर स्याम पहुँचाय मधुपुरी[३] बहुरि सँदेस न लीन्हो॥१०॥
बनारस: साहित्य-सेवा-सदन, पृष्ठ ८९ से – ९० तक
कहियो जाय नंदबाबा सों निपट निठुर जिय कीन्हो।
सूर स्याम पहुँचाय मधुपुरी[३] बहुरि सँदेस न लीन्हो॥१०॥