बिल्लेसुर बकरिहा  (1941) 
सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'

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बिल्लेसुर बकरिहा

 



 

लेखक
पं॰ सूर्यकान्त त्रिपाठी, निराला

 



 

मूल्य एक रुपया

 

प्रकाशक
चौधरी राजेन्द्र शङ्कर
युग-मंदिर, उन्नाव

 

मुद्रक
पं॰ भृगुराज भार्गव
भार्गव-प्रिटिंग-वर्क्स, लखनऊ.

 

प्राक्कथन

 

'बिल्लेसुर बकरिहा' हास्य लिये एक स्केच है। मुझे विश्वास है, पाठकों का मनोरंजन होगा।

 
लखनऊ
२५ दिसम्बर १९४१
निराला
 
कलाकार––

प्रियबन्धु श्री अमृतलाल नागर को
 

स्नेह-भेंट

 

––निराला

यह कार्य भारत में सार्वजनिक डोमेन है क्योंकि यह भारत में निर्मित हुआ है और इसकी कॉपीराइट की अवधि समाप्त हो चुकी है। भारत के कॉपीराइट अधिनियम, 1957 के अनुसार लेखक की मृत्यु के पश्चात् के वर्ष (अर्थात् वर्ष 2024 के अनुसार, 1 जनवरी 1964 से पूर्व के) से गणना करके साठ वर्ष पूर्ण होने पर सभी दस्तावेज सार्वजनिक प्रभावक्षेत्र में आ जाते हैं।


यह कार्य संयुक्त राज्य अमेरिका में भी सार्वजनिक डोमेन में है क्योंकि यह भारत में 1996 में सार्वजनिक प्रभावक्षेत्र में आया था और संयुक्त राज्य अमेरिका में इसका कोई कॉपीराइट पंजीकरण नहीं है (यह भारत के वर्ष 1928 में बर्न समझौते में शामिल होने और 17 यूएससी 104ए की महत्त्वपूर्ण तिथि जनवरी 1, 1996 का संयुक्त प्रभाव है।