प्रेमाश्रम  (1919) 
प्रेमचंद
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सरस्वती प्रेस, पृष्ठ जीवनवृत्त से – - तक

 
 

श्री प्रेमचंद

जन्म बनारस के पास लमही मे १८८० ई॰ में। असली नाम श्री धनपतराय। आठ वर्ष की आयु में माता और चौदह में पिता का निधन हो गया। अपने बल-बूते पर पढ़े। बी॰ ए॰ किया। १९०१ में उपन्यास लिखना शुरू किया। कहानी १९०७ से लिखने लगे। उर्दू में नवाबराय के नाम से लिखते थे। १९१० में सोज़ेवतन ज़ब्त की गयी, उसके बाद प्रेमचंद के नाम से लिखने लगे। १९२० तक सरकारी नौकरी की। फिर सत्याग्रह से प्रभावित हो नौकरी छोड़ दी। १९२३ में सरस्वती प्रेस और १९३० में ‘हंस’ की स्थापना की। ८ अक्तूबर १९३६ को निधन हुआ।

प्रेमाश्रम का रचना काल–१९१८-१९ ई॰




प्रेमाश्रम





प्रेमचंद






सरस्वती प्रेस


© सरस्वती प्रेस, इलाहाबाद

वर्तमान संस्करण १९७९





मूल्य- 50.00





मुद्रक.- प्रमात अफसेट प्रेस, दरिया गज विल्ली-2.'





प्रेमा श्रम





रचना काल : १९१८-१९ ई०



यह कार्य भारत में सार्वजनिक डोमेन है क्योंकि यह भारत में निर्मित हुआ है और इसकी कॉपीराइट की अवधि समाप्त हो चुकी है। भारत के कॉपीराइट अधिनियम, 1957 के अनुसार लेखक की मृत्यु के पश्चात् के वर्ष (अर्थात् वर्ष 2024 के अनुसार, 1 जनवरी 1964 से पूर्व के) से गणना करके साठ वर्ष पूर्ण होने पर सभी दस्तावेज सार्वजनिक प्रभावक्षेत्र में आ जाते हैं।


यह कार्य संयुक्त राज्य अमेरिका में भी सार्वजनिक डोमेन में है क्योंकि यह भारत में 1996 में सार्वजनिक प्रभावक्षेत्र में आया था और संयुक्त राज्य अमेरिका में इसका कोई कॉपीराइट पंजीकरण नहीं है (यह भारत के वर्ष 1928 में बर्न समझौते में शामिल होने और 17 यूएससी 104ए की महत्त्वपूर्ण तिथि जनवरी 1, 1996 का संयुक्त प्रभाव है।