[ आवरण-पृष्ठ ]
प्राचीन चिह्न



लेखक

महावीरप्रसाद द्विवेदी



प्रकाशक

इंडियन प्रेस, लिमिटेड, प्रयाग


१९२९

प्रथम संस्करण]
[मूल्य ।।।)
 
[ प्रकाशक ]


Published by
K Mittra,
at The Indian Press, Ltd ,
Allahabad







Printed by

A Bose,

at The Indian Press, Ltd,

Benares-Branch

[ निवेदन ]
निवेदन

प्रत्येक जाति और प्रत्येक देश की पूर्वाजित सभ्यता का ज्ञान प्राप्त करने के जो साधन हैं उन साधनों मे प्राचीन इमारतें, प्राचीन स्थान और प्राचीन वस्तुएँ सबसे अधिक महत्त्व की समझी जाती हैं। क्योंकि पुराने शिलालेखों, ताम्रपत्रों और धातुजात सिक्कों के सिवा यही चीजें अधिक समय तक, जीर्ण और शीर्ण हो जाने पर भी, देखने को मिल सकती हैं। यही कारण है जो पुरातत्त्व-विभाग के कार्यकर्ता भारत के प्राचीन खंडहरों और ध्वंसावशेषो को खोद-खोदकर उनके भीतर पृथ्वी के पेट मे, गड़े हुए पदार्थ ढूँढ-ढूँढ़कर निकाल रहे हैं और जो इमारतें टूट-फूट रही हैं उनकी मरम्मत कराकर उनको नष्ट होने से बचा रहे हैं।

इस संग्रह में जो लेख दिये जाते हैं उनमें से कुछ लेखों में बहुत प्राचीन और बहुत प्रसिद्ध बौद्धकालीन इमारतों, गुफाओं और ऐतिहासिक पदार्थों के वर्णन हैं। छः लेखों में पुराने नगरों, स्थानों और मन्दिरों के संक्षिप्त विवरण देकर उनकी प्राचीन ऊर्ज्जितावस्था का भी उल्लेख किया गया है। जो मन्दिर या स्थान अब तक अस्तित्व में हैं उनके दर्शन तो अब भी होते ही हैं; पर जो नष्ट-भ्रष्ट हो चुके उनकी स्मृति की रक्षा का एकमात्र उपाय अब उनके वर्णन से पूर्ण पुस्तकें ही [  ]हो सकती हैं। इसी से ऐसी पुस्तकों की आवश्यकता है जिनमें ऐसे वर्णन पढ़ने को मिल सकें।

इस पुस्तक मे क़ुतुब-मीनार पर भी एक लेख है। उसमें इस बात का भी विचार किया गया है कि वह इमारत कब बनी, किसने बनवाई और वहाँ पर पहले कोई हिन्दू-मन्दिर या इमारत थी या नहीं।

संग्रह के पिछले चार लेखों का सम्बन्ध दूसरे देशों से है। पर जो कुछ उनमें है वह मनोरञ्जक और कौतूहल-वर्द्धक होने के सिवा, अन्य दृष्टियों से भी, ज्ञानप्रद अतएव जानने योग्य है।

संग्रह में लेखों को स्थान दिये जाने का क्रम, लिखे जाने के समय के अनुसार, नहीं। जिन लेखों का विषय परस्पर कुछ मिलता-जुलता है वे पास-पास रक्खे गये हैं। अन्य देशों से सम्बन्ध रखनेवाले पिछले चारों लेखों को अन्त में स्थान दिया गया है।

दौलतपुर (रायबरेली)
१५ नवम्बर १९२७

महावीर प्रसाद द्विवेदी


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[ विषयसूची ]
लेख-सूची
लेखाङ्क लेख-नाम पृष्ठ
१— साँची के पुराने स्तूप
२— यलोरा के गुफा-मन्दिर १५
३— ईसापुर के यूप-स्तम्भ ३७
४— प्रयाग-प्रान्त के प्राचीन ऐतिहासिक नगर ४५
५— खजुराहो ५३
६— देवगढ़ की पुरानी इमारतें ६८
७— ओङ्कार-मान्धाता ७९
८— श्रीरङ्गपत्तन ८४
९— श्रीरङ्गजी का मन्दिर ९२
१०— कुतुब-मीनार ९६
११— पेरू का प्राचीन सूर्य-मन्दिर १०४
१२— पाताल-प्रविष्ट पाम्पियाई नगर ११०
१३— ढाई हज़ार वर्ष की पुरानी क़बरें ११५
१४— तीस लाख वर्ष के पुराने जानवरो की ठठरियाँ ११९

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यह कार्य संयुक्त राज्य अमेरिका में भी सार्वजनिक डोमेन में है क्योंकि यह भारत में 1996 में सार्वजनिक प्रभावक्षेत्र में आया था और संयुक्त राज्य अमेरिका में इसका कोई कॉपीराइट पंजीकरण नहीं है (यह भारत के वर्ष 1928 में बर्न समझौते में शामिल होने और 17 यूएससी 104ए की महत्त्वपूर्ण तिथि जनवरी 1, 1996 का संयुक्त प्रभाव है।