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विरोधाभास एक भाई कटाक्षपूर्ण ढंग पर निग्नलिखित कई महत्त्व के प्रश्न पूछते हैं : ‘‘जब जुलु लोगों ने उनकी स्वतन्त्रता की अपहरण करनेवाले अंग्रेज़ों का सामना किया, तब उस कथित विद्रोह की दबाने में आपने ब्रिटिश सत्ता की मदद की । विदेशी सत्ता के जुए को उतार फेंकने के लिए किये जानेवाले प्रयत्नों को क्या विद्रोह का नाम दिया जाना चाहिए ? फूांस की जॉन आँव आर्क, अमेरिका के जार्ज वाशिंगटन, आजकल के डी वेलेरा-क्या इन सभी को विद्रोही कहना चाहिए ? आप कहेंगे कि जुलु लोगों ने हिंसा मार्ग को अपनाया ! मैं कहता हूँ कि इस साधन को अनुपयुक्त कहा जाये तो भी बया उनका ध्येय हीन कोटि का था ? अतः मेरी यह समस्या हल कर दीजिए । “दूसरे, गत महायुद्ध में भी जब जर्मनी और आस्ट्रिया के शूरवीर अपने विरोध में खड़ी हुई सारी दुनिया से लड़ रहे थे, उस समय भी आपने जर्मनी और आस्ट्रिया की प्रजा के विरुद्ध अंग्रेज़ों