मैं कितनी गहराई में हूँ इसका माप लेना पड़ता है। कठिनाइयों से मेरी हिम्मत कम नहीं होती, मेरा उत्साह और बढ़ता ही है।
'हरिजन-सेवक' : २४ अगस्त, १९४०