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तुलसी चौरा :: १२३
 


भी। पर शोध विद्वानों का कहना है कि संस्कृत, ग्रीक और लैटिन में संस्कृत ही पुरातन भाषा है।'

लैटिन और संस्कृत की यह तुलना शर्मा जी को अच्छी लगी। कमली ने सविस्तार बताया कि किस तरह तीनों ही भाषाओं में अंक उच्चारण सामान है। शर्मा जी को आश्चर्य हुआ। अंग्रेजी के 'वन' को तमिल के 'ओन्स' से जोड़ दिया। रवि ने साल भर के लिए अमेरिकन सेंटर और ब्रीटिश काउन्सिल बाइब्रेरी की सदस्यता ले ली थी। वे लोग कभी पाँच दिन के लिए, कमी दस दिन के लिए मद्रास चले जाते।

ऐसे में शर्मा जी को घर काटने को दौड़ता। कमली और रवि जिन दिनों शंकरमंगलम में थे, एक बार इरैमुहिमणि ने कमली को अपने संगठन में आमंत्रित किया। एक गोष्ठी का आयोजन भी किया गया था। एक फ्रैंच युवती को तमिल में बोलते हुए सुनने के लिये काफी भीड़ इकट्ठी हो गयी थी।

इरैमुडिमणि ने कमली का परिचय देते हुए यह भी बताया कि वह शीघ्र ही शर्मा जी की बहू बनने वाली है। इस अंतर्राष्ट्रीय विवाह के लिये अपने संगठन की ओर से बधाई भी दी।

द्रविड़ परिवार की भाषाओं के बारे में कमली ने एक भाषण दिया। पंद्रह मिनट तक उसने तमिल में ही भाषण दिया। भीड़ आश्चर्यचकित रह गयी। कमली को हार पहनाने के उद्देश्य से महि- लाओं की भीड़ में किसी को आमंत्रित करना चाहा। पर महिलाओं में से कोई मंच तक आने को तैयार नहीं हुई।

अंत में क्षणभर सोचकर इरैमुडिमणि ने हार रवि को पकड़ाकर कहा, 'अब तो बेटा तुम ही पहना दो।' रवि ने भी हँसते हुए कमली को माला पहना दी। सीमावय्यर के प्रचार में अब घी पड़ गया था। इस घटना का उन्होंने खूब दुरुपयोग किया। इरैमुडिमणि और शर्मा दोनों के ऊपर एक साथ गुस्सा निकालने का अच्छा अवसर था,