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सुसमाचार । 99 मैं अधम प्रयोग तो आप यह न मानियो पै अाप पापी लोग नित अपनी ओर तानियो जव हायशो मरन तब प्रभु शांत करियो और जब ला है जीवन मोहे प्रेम करके भरियो । . ७३ तिहत्तरवां गीत। जगतारक योशु समीप चलो तिन सेवक पावन भाग भलो धन यादर नाम बिलास गहे मत आपहि नैनन मंदि कला जरा बीतत है जस मेघ धुआं तिहि भोग किये कित काल पलो जनि मुक्ति बिखै निहचिंत रहा नहि तो पछतावत हाथ मलो प्रभु यीशु पहाड़ समान अकै तिहि तारक मानि शुभ भतलमों जस बोज बढ़े तस योशुहि मानि सुकाज फलो कम नटलो