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६२ सुसमाचार । ४ देख गतसमनी के बाग में ईमा गिरा जानफ़िशान सुन गलगता के पहाड़ पर उस की बात को मरते पान पूरा हुआ है नजात का सब सामान ॥ ५ मूमिनों का वह शफी है अब आसमान पर पुर जलाल अपने सब गुनाह समेत अब अपने तई तू उस पर डाल सिर्फ मसीह से सुधर जाता सेरा हाल ५६ उनसठवां गीत । 8,7s. १ दानिश सीखो ऐ नादानो देरी क्यों तुम करते हो आज का वक़त गनीमत जानो कल की देरी मत करो ॥ ३ ताबः करो गुनहगारो करो आज कि जीते हो