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प्रभु का दूसरी बार पाना । ५५ श्रावे प्रभु तेरा राज सारे जगत में बिराज ॥ ४ चाई दिस के द्वीप और देस जाने तुझे जगनरेस सब बिरोध का कर अपने तेज को कर प्रकाश ॥ यावे प्रभु तेरा राज सारे जगत में बिराज ॥ नाश 28- ५५ पचपनवां गीत । १ खुश हो खुश हो मसीह का राज अब आता खुश हा खुश हो से सारी सरज़मीन सैहन के लोग गीत गावेगे और खुशी सब मनावैगे खुश हो खुश हा मसीह का राज अब आता खुश हो खुश हो ऐ सारी सरज़मीन मसीह का झंडा खुशनुमा सब दुनया में फहरावंगा और हर एक काम नज़दीक और दूर मसीह में करेगी सुरूर खुश हो खुश हो मसीह का राज अब आता खुश हा खुश हो ये सारी सरजमीन ॥