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प्रभु यम ख्रीष्ट। ४१ ४७ सैंतालीसवां गीत । श्री यीशु नाम शुभ गान हमारी जेहि नाम रटि दियधाम गए कत कोटिन्ह अघकारी दिवगण जहि जपं निशि बासर गगनहि करें बिहारी सो नाम न जो यह जोह रटे समल उपारी हीरा मानिक माति जमाहिर तस तुल माटि बिचारी मंजु मनोहर आखर दाऊ जावों तेहि बलिहारी दुसह दुःख के सुखद रसायन जीव अनन्त अधारी मरन काल निर्भय वर दायी कर गहि लेत उवारी नामहि अस के नित गुन गाऊं जो अबलव तिहारी गान करन को बर प्रभु दीजै मांगत जान भिखारी ॥ ४