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१७४ गीत । १०० एक सौ सत्तरवां गीत । १ऐ सिपाही हो दिलावर जंग में जो सङ्गीन मदद पास है और हमारी फ़तह बिलयकीन हो मरदाना योश कहते कि मैं हूं नजदीक हम दिलर हैं कर इनायत फज़ल की ताफ़ीक़ तौफीक ॥ २ देख एक फौज जोरावर आती और सरदार शैतान मैं कम हो जाते दिल है हिरासान दो मरदाना फतह की निशानी झण्डा ए सलीब विस्मिल्लाह शिकस्त हम देंगे दुशमन ए मुहीब हो मरदाना। ४ कितनी तेज़ और सखत लड़ाई हो मदद है नज़दीक पेशवा आता हिम्मत बांधो यारो हो वसोक दो मरदाना ॥ हम शुमार ३ देखा