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१५८ मृत्यु और स्वर्गलाक। आओ बाप के घर मकान है तैयार साथ हो उस दोस्त के जो है वफादार गाओ वह गीत जिस को दिल करे प्यार आओ जल्द लाग्ने श्राओ जलद आओ। १५२ एक सौ बावनवां गीत । १ यहां मुमाफ़िर हूं घर है आसमान सरा में टिकता हूं घर है आसमान दुनया के दरमियान दुख है और रंज हर पान घर मेरा है न्यासमान हां घर पासमान ॥ २ यहां हूं वेमकान पर घर पासमान छोडूं यह बयावान जाऊयासमान यहां के खौफ ओ डर दूर होंगे सरासर जब चलं अपने घर वह घर पासमान ॥