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१३० प्रार्थना और इबादत । ३ ईश्वर से जब प्रार्थना करूं प्रार्थना करने को सिखला जब मैं धर्म पुस्तक पळू मुझे उस का अर्थ बतला ॥ ४ हे सहायक उपदेसक मेरे यहां सदा ही त सर्वत्र और सर्वदा मार्ग दिखा मुझ अंधे को ॥ १२० एक सौ सत्ताईसवां गीत। L. M. १ से दुनया दिल से परे हो और फुरसत दे इबादत को हो मेरा दिल इबादतगाह मसीहा मुझ पर रख निगाह ॥ दिल को उभार खुदावन्दा पाक खाहिश इस में उगा सह तेरी हम में हाज़िर हो और दे तौफीक इबादत को। नाम तेरा ईसा क्या अज़ीज़ कलाम को लज्जत क्या लज़ीज़ नजात को खबो जितनी हो ना मअलम है फ़िरिशतों को।