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१०६ सच्चे ख्रिष्टियान को आत्मिक गति । ॥ जब मैं स्वर्ग में उतरू पार पाके सदा का निस्तार तब ही प्रभु समझ लं तेरा कितना धारता हूं तखत के पास जब खड़ा हूं महिमा जब पहिन लूं देखं तेरा तेज अपार निर्मल मन से करूं प्यार प्रभु समझ लं तेरा कितना धारता हूं। ३ जब मैं सुनं स्वर्ग का गीत उठता हुआ गर्ज की रीत पानी का सन्नाटा सा शब्द तो मोठा बीन का सा तब ही प्रभु समझ लं तेरा कितना धारता हूं तब ही प 7,6s. १०० सौवां गीत। १ से सब बुरी चीज़ों से करीह कौन चीज़ है कर बयान सो है इनसान का दिल पलीद गुनाह मालद: जान