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शुद्धि-पत्र ( भाग १) पंक्ति शुद्ध
अशुद्ध डपोरशंई पांड्या देवगिरि
पृवक यादंगे अनुसाशन
हृयशंख पंड्या शशिवृता पूर्वक स्याम अनुशासन परन्तु डुककर अ६८ काव्य यदि
डुक्र
काव्य
ফিঙ্গ बन्दो
वन्दी वृन्दी
बन्दी
श्रतविय
नहीं t
विस्तरिथ काव्यों तिर्ने बरा पृष्ठभूमि वन फिरयौ भिंगुरन धुम्मिय पाया श्यामलदान श्रतबिम् नहीं विस्तरिय काव्य तिर्ने षरग पृष्ठभूमि वर्णन किरयौ झिगुरन धुम्मिय पंड्या श्यामलदास चच
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