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( १०५ ) शिव । हर सारौ = सब हरने वाले या सर्वनाशक । सबर<सं० शावर=मंत्र तंत्र, (३०---शाबर मंत्र जाल जेहिं सिरजा ।' रामचरित मानस) । सद्द<सं० शब्द । बह्यो (बढ्दयो)=बढ़ाया । सबर सइ बद्दय=शाबर मंत्रों का उच्चारण किया । विपन दग्गे धन झा=(३) एक प्रकार की मद में भरने वाली वायु फैल गई (२) विन ( दग्गं<दृ ) नेत्रों में अग्नि झरने लगे । सदिइ<< सदृध्देिया गया । अम्रित<अमृते । यमर-अमरता (देने वाले)। मंडलक मंडलेश्वर । राम= अयोध्या के राजा इक्ष्वाकु वंशी महाराज दशरथ के ज्येष्ठ पुत्र जो ईश्वर या वि भगवान् के मुख्य अवतारों में माने जाते हैं। विनर सं० रावण (:- दूसरों को रुलाता हो) । लंका की प्रसिद्ध राजा जे राक्षसों का नायक शु और जिसे युद्ध में भगवान् रामचन्द्र ने मारा था । राम रावत-- पृथ्वीराज की सेना का एक वीर योद्धा था । । रावत यह छोटे राजपूतों की उपाधि है। गढ़वाल के राजपूत कस्सी नामी पहाड़ी जाति से विवाह संबंध करने के कारण बहिष्कृत किये गये थे। इनमें जो अच्छे रह गये उन्होंने वन’ उपाधि ग्रहण कर ली। चंदेल राजपूतों की चार शारवायें भी राजा, राव, राना और रावत हैं । ३a Ces of N, }}. Provinces of India, I:11tob, Vol. !, pp. 24, 72, 116, 293 में रावतों का वि० वि० है । ह्योर्नले महोदय का सत है कि लंगर भी रावत था परन्तु जोगी होने के कारण जाति न्च्युत हो गया था ! इतौ = इतना ; ऐसः । । नद-रावन' और 'रावत’ पाटों में रान एक अधिक उचित शौर उपयुक्त है। राम रावण का युद्ध प्रसिद्ध है और राम रावत को जानने वालों की गणना भय है । सिलह लजि सुरतन, के जे इन अंग ।। सुने श्रवन तंगरी, वीर लगा अभंग ।। बी धीर संत साध्य, वीर हुंकर इन छ । नामंतां सत मद्धि, भर दीनं ये साथ है। एरंत अझ हा रिन, पग ग्राह एग घुल्ल ।। बिभूतिचं अन् तिलक, हछि बीर हकि दुल्लयौ ।। छं०११४। रू० ७६ । भवा ० ७:--सुलतान कवच और शस्त्र शस्त्र से सुसज्जित होकर युद्ध भूमि में जंग करने के लिये कुका । अपने कानों ( यह ) सुनकर (१) ७..रिन, तारिन (२) ना०—पग (३) ना०-विभ्भूत ।