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HIN/Mj/650B प्रेमचंद : विशेष अध्ययन इस पत्र के अध्ययन के उपरांत विद्यार्थी : i. प्रेमचंद और उनके साहित्य के गहन अध्ययन की तकनीक सीख सकेंगे। क्रेडिट - 4 प्रेमचंद के लेखन के आधार पर किसान, राष्ट्रवाद, सांप्रदायिकता आदि प्रश्नों पर प्रेमचंद की दृष्टि से अवगत हो सकेंगे। ii. प्रेमचंद की जीवनी के माध्यम से उनके जीवन के विभिन्न प्रसंगों से परिचित हो सकेंगे। iii. iv. V. प्रेमचंद की स्त्री -दृष्टि एवं दलित- दृष्टि की स्पष्ट समझ विकसित कर सकेंगे। 'कर्मभूमि' उपन्यास के माध्यम से एक उपन्यासकार के रूप में प्रेमचंद का मूल्यांकन कर पाने की समझ विकसित कर सकेंगे। विभिन्न कहानियों के आधार पर कहानीकार प्रेमचंद की विशिष्टताओं की पहचान कर सकेंगे। vi. इकाई 1. प्रेमचंद के जीवन के विविध प्रसंग - पाठ्य पुस्तकः कलम का सिपाही अमृत राय, हंस प्रकाशन, इलाहाबाद इकाई 2. प्रेमचंद और विविध प्रश्न: प्रेमचंद और किसान प्रश्न, प्रेमचंद और राष्ट्रवाद, प्रेमचंद और स्त्री प्रश्न, प्रेमचंद और दलित प्रश्न, प्रेमचंद और साम्प्रदायिक प्रश्न इकाई 3. उपन्यास का विशेष अध्ययन पाठ्य पुस्तक: कर्मभूमि, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद इकाई 4. सहायक ग्रंथः प्रेमचंद की कहानियाँ: सदगति, पूस की रात, दूध का दाम, माता का हृदय, विध्वंस, दो बैलों की कथा, ईदगाह, बूढ़ी काकी पाठ्य पुस्तकः मानसरोवर ( भाग 1, 2, 3, 8), हंस प्रकाशन, इलाहाबाद 1. प्रेमचंद घर में - शिवरानी देवी, आत्माराम एंड संस, दिल्ली 2. प्रेमचंद विविध प्रसंग सं. अमृत राय, हंस प्रकाशन, इलाहाबाद 3. प्रेमचंद और उनका युग - रामविलास शर्मा, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली 4. प्रेमचंद - रामविलास शर्मा, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली 5. प्रेमचंद : एक साहित्यिक विवेचन - नन्ददुलारे वाजपेयी, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली 6. प्रेमचंद : जीवन और कृतित्व - हंसराज रहबर, आत्माराम एंड संस, दिल्ली 7. प्रेमचंद का अप्राप्य साहित्य - सं. कमलकिशोर गोयनका, भारतीय ज्ञानपीठ, दिल्ली 8. प्रेमचंद : अध्ययन की नयी दिशाएँ - कमलकिशोर गोयनका, साहित्य निधि प्रकाशन, दिल्ली 9. किसान, राष्ट्रीय आंदोलन और प्रेमचंद - वीर भारत तलवार, नॉर्दन बुक सेंटर, दिल्ली 10. राष्ट्रीय नवजागरण और साहित्य - वीर भारत तलवार, सरस्वती पुस्तक भंडार, दिल्ली 11. दलित साहित्य की अवधारणा और प्रेमचंद - सं. सदानन्द साही, प्रेमचंद साहित्य संस्थान, गोरखपुर 12. प्रेमचंद और भारतीय समाज नामवर सिंह, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली 13. प्रेमचंदः विगत महत्ता वर्तमान अर्थवत्ता - सं. मुरली मनोहर प्रसाद सिंह, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली 14. गोदान : अध्ययन की समस्याएँ - डॉ. गोपाल राय, ग्रंथ निकेतन, पटना मूल्यांकन पद्धतिः 1. इस पत्र का पूर्णांक 100 है, जिसमें सतत मूल्यांकन हेतु 40 अंक और सत्रांत परीक्षा हेतु 60 अंक निर्धारित हैं। 2. सतत मूल्यांकन दो चरणों में C1 एवं C 2 के आधार पर किया जाएगा। 3. इस पत्र की सत्रांत परीक्षा की अवधि 3 घंटे निर्धारित है। 4. सत्रांत परीक्षा में प्रत्येक इकाई से दो-दो आलोचनात्मक प्रश्न पूछे जाएँगे, जिनमें से एक-एक का उत्तर लिखना होगा। (12x4=48 अंक) 5. इकाई तीन एवं चार से कुल चार व्याख्याएँ पूछी जाएँगी, जिनमें से दो व्याख्याएँ करनी होंगी। (6x2=12 अंक) Page 34 of 36