पृष्ठ:M.A. Hindi Syllabus Mizoram University.pdf/२८

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

________________

HIN/Mn/602 हिंदी गद्य साहित्य : विविध विधाएँ इस पत्र के अध्ययन के उपरांत विद्यार्थी : i. हिंदी गद्य की विभिन्न विधाओं की सामान्य जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। क्रेडिट - 2 ii. संस्मरण एवं रेखाचित्र के बीच अंतर को समझ सकेंगे तथा पाठ्य संस्मरण 'सरजू भैया', 'संस्मरण : प्रेमचंद' तथा 'आदमी का बच्चा' की विभिन्न दृष्टियों से समीक्षा कर सकेंगे । iii. फणीश्वरनाथ रेणु के विभिन्न रिपोतार्ज के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। iv. फणीश्वरनाथ रेणु के रिपोतार्ज ऋणजल धनजल का विभिन्न दृष्टिकोणों से मूल्यांकन कर सकेंगे। v. जीवनी तथा आत्मकथा में अंतर को समझ सकेंगे तथा निराला के जीवन को 'निराला की साहित्य- साधना (भाग - 1)' जीवनी के आधार पर जान सकेंगे और उसका मूल्यांकन कर सकेंगे। vi. दलित- विमर्श तथा दलित आत्मकथा से परिचित हो सकेंगे तथा तुलसीराम की आत्मकथा मुर्दहिया की दलित-विमर्श में भूमिका को समझ सकेंगे। इकाई 1. संस्मरण, रेखाचित्र एवं रिपोर्ताज : विधागत स्वरूप संस्मरण एवं रेखाचित्र: सरजू भैया - - रामवृक्ष बेनीपुरी संस्मरणः प्रेमचंद – महादेवी वर्मा आदमी का बच्चा - हरिशंकर परसाई पाठ्य पुस्तकः हिन्दी के श्रेष्ठ रेखाचित्र - सं. चौथीराम यादव, विश्वविद्यालय प्रकाशन, वाराणसी रिपोर्ताजः ऋणजल धनजल- फणीश्वरनाथ रेणु, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली इकाई 2. जीवनी एवं आत्मकथा: विधागत स्वरूप सहायक ग्रंथः जीवनी: निराला की साहित्य साधना (भाग - 1) - रामविलास शर्मा, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली आत्मकथा. मुर्दहिया- तुलसीराम, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली 1. हिंदी का गद्य साहित्य - रामचन्द्र तिवारी, विश्वविद्यालय प्रकाशन, वाराणसी 2. हिंदी गद्यः विन्यास और विकास रामस्वरूप चतुर्वेदी, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद 3. आधुनिक गद्य की विविध विधाएँ - उदयभानु सिंह, वाणी प्रकाशन, दिल्ली 4. रामवृक्ष बेनीपुरी - रामवचन राय, साहित्य अकादमी, नई दिल्ली 5. शिवपूजन सहाय मंगलमूर्ति, साहित्य अकादमी, नई दिल्ली 6. रेणु का है अन्दाजे बयाँ और भारत यायावर, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली 7. महादेवी - इंद्रनाथ मदान, राधाकृष्ण प्रकाशन, नई दिल्ली 8. महादेवी डॉ. परमानन्द श्रीवास्तव, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद 9. निराला - इंद्रनाथ मदान, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद 10. निराला - विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद 11. दलित साहित्य का सौन्दर्यशास्त्र - ओमप्रकाश वाल्मीकि, राधाकृष्ण प्रकाशन, दिल्ली मूल्यांकन पद्धतिः 1. इस पत्र का पूर्णांक 100 है, जिसमें सतत मूल्यांकन हेतु 40 अंक और सत्रांत परीक्षा हेतु 60 अंक निर्धारित हैं। 2. सतत मूल्यांकन दो चरणों में C1एवं C2 के आधार पर किया जाएगा। 3. इस पत्र की सत्रांत परीक्षा की अवधि 3 घंटे निर्धारित है। 4. सत्रांत परीक्षा में प्रत्येक इकाई से दो-दो आलोचनात्मक प्रश्न पूछे जाएँगे, जिनमें से एक-एक का उत्तर लिखना होगा। (2x20 = 40 अंक) 5. प्रत्येक इकाई से दो-दो कुल चार व्याख्याएँ पूछी जाएँगी, जिनमें से दो व्याख्याएँ करनी होंगी। (2x10 = 20 अंक) Page 28 of 36