पृष्ठ:M.A. Hindi Syllabus Mizoram University.pdf/२७

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

________________

इकाई 3. पूर्वोत्तर भारत और हिन्दी यात्रा - वृत्तांत तथा पूर्वोत्तर की हिंदी एवं हिंदी में अनूदित कविताएँ यात्रा- वृत्तांत : पाठ्य पुस्तकः वह भी कोई देश है महराज अनिल यादव, अंतिका प्रकाशन, गाजियाबाद कविताएँ : निम्नांकित में से किन्हीं चार कवियों की कविताओं का अध्ययन करना होगा - i) हिजम इरावत - हो जाता पक्षी तो, बंदी जीवन (मणिपुरी - मणिपुर) (समन्वय पूर्वोत्तर, अंक-3, जुलाई-सितंबर, 2008) ii) छिदेन तोङदेन लेप्चा - अंधेरे में आशा की एक किरण (लेप्चा - सिक्किम) (समन्वय पूर्वोत्तर, अंक-3, जुलाई-सितंबर, 2008) iii) चंद्रकांत मूरासिंह - खुमतुई, कौन (कॉककबरक- त्रिपुरा) (कॉककबरक की प्रतिनिधि कविताएँ, चयन एवं संपा. - प्रो. चंद्रकला पाण्डेय, अनुवाद - डॉ. मिलन रानी जमातिया, मानव प्रकाशन, कोलकाता) iv) तेमसुला आओ - स्त्री, मेरा अंतिम गीत (अंग्रेजी - नागालैंड) (कंचनजंघा पत्रिका, वर्ष-1, अंक-2, जुलाई-दिसंबर, 2020) v) एलविन तेरन - एक कार्बी बन्ना, श्रम का मौसम (कार्बी- असम) (समकालीन भारतीय साहित्य पत्रिका, नवंबर-दिसंबर, 2012) vi) सी. कमलोवा - नारा (मिजो - मिजोरम) (पूर्वांचल प्रदेश में हिंदी भाषा और साहित्य - डॉ. सी. ई. जीनी, वाणी प्रकाशन, दिल्ली, 1990) vii) नीलिम कुमार- नमक, धूप (असमिया - असम) (एक खाली घर घुस आया मेरे भीतर, नीलिम कुमार, धौली बुक्स, भुवनेश्वर, 2018) viii) जमुना बीनी तादर - वे अलसाए दिन लौटने के इंतजार में (न्यीशी- अरुणाचल प्रदेश) ( जब आदिवासी गाता है, जमुना बीनी तादर, परिंदे प्रकाशन, दिल्ली, 2018) सहायक ग्रंथः 1. लोक संस्कृति की रूपरेखा - कृष्णदेव उपाध्याय, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद 2. आदिवासी कौन? - रमणिका गुप्ता, राधाकृष्ण प्रकाशन, दिल्ली 3. आदिवासी साहित्य-यात्रा - रमणिका गुप्ता, राधाकृष्ण प्रकाशन, दिल्ली 4. आदिवासी विकास से विस्थापन - रमणिका गुप्ता, राधाकृष्ण प्रकाशन, दिल्ली 5. आदिवासी शौर्य और विद्रोह - रमणिका गुप्ता, राधाकृष्ण प्रकाशन, दिल्ली 6. झारखंड के आदिवासियों के बीच वीरभारत तलवार, राधाकृष्ण प्रकाशन, दिल्ली 7. श्रीप्रकाश मिश्र की साहित्य साधना की परख डॉ. सुरेश चन्द्र, अमन प्रकाशन, कानपुर 8. - कॉकबरक की प्रतिनिधि कविताएँ - संपा. कोलकाता चंद्रकला पाण्डेय, अनुवाद- डॉ. मिलन रानी जमातिया, मानव प्रकाशन, मूल्यांकन पद्धतिः 1. इस पत्र का पूर्णांक 100 है, जिसमें सतत मूल्यांकन हेतु 40 अंक और सत्रांत परीक्षा हेतु 60 अंक निर्धारित हैं। 2. सतत मूल्यांकन दो चरणों में C1 एवं C2 के आधार पर किया जाएगा। 3. इस पत्र की सत्रांत परीक्षा की अवधि 3 घंटे निर्धारित है। 4. सत्रांत परीक्षा में प्रत्येक इकाई से दो-दो आलोचनात्मक प्रश्न पूछे जाएँगे, जिनमें से एक-एक का उत्तर लिखना होगा। (3x15= 45 अंक) 5. प्रत्येक इकाई से कम-से-कम एक - एक और कुल चार व्याख्याएँ पूछी जाएँगी, जिनमें से दो व्याख्याएँ करनी होंगी। (2x71⁄2=15 अंक) Page 27 of 36