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HIN/Mn/554 हिंदी नाटक एवं निबंध क्रेडिट - 2 i. इस पत्र के अध्ययन के उपरांत विद्यार्थी : नाटककार के रूप में भारतेंदु हरिश्चंद्र की भूमिका और अंधेर नगरी नाटक के महत्त्व को समझ सकेंगे। ii. नाटककार के रूप में जयशंकर प्रसाद के व्यक्तित्व से परिचित हो सकेंगे तथा चन्द्रगुप्त नाटक का विभिन्न दृष्टिकोणों से विवेचन विश्लेषण कर सकेंगे। iii. मोहन राकेश के नाटककार रूप को जान सकेंगे तथा आषाढ़ का एक दिन नाटक का विभिन्न परिप्रेक्ष्य में मूल्यांकन कर सकेंगे। iv. निबंधकार बालकृष्ण भट्ट, बालमुकुन्द गुप्त, रामचंद्र शुक्ल तथा रामधारी सिंह दिनकर के निबंधों का विवेचन-विश्लेषण कर सकेंगे। v. हजारीप्रसाद द्विवेदी, हरिशंकर परसाई, विद्यानिवास मिश्र तथा कुबेरनाथराय के निबंधों की समीक्षा कर सकेंगे। इकाई 1. अंधेर नगरी - भारतेन्दु हरिश्चंद्र, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली चन्द्रगुप्त - जयशंकर प्रसाद, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली आषाढ़ का एक दिन - मोहन राकेश, राजपाल एंड संस, दिल्ली इकाई 2. निबन्धः पाठ्य पुस्तक: निबंध निकष- सं. रामचन्द्र तिवारी, विश्वविद्यालय प्रकाशन, वाराणसी पाठ्य निबंध- ii. बालमुकुन्द गुप्त- शिवशम्भु के चिठ्ठे i. बालकृष्ण भट्ट- साहित्य जनसमूह के हृदय का विकास है iii. रामचन्द्र शुक्ल - कविता क्या है? v. रामधारी सिंह दिनकर भारत की सांस्कृतिक एकता vii. विद्यानिवास मिश्र - मेरे राम का मुकुट भीग रहा है सहायक ग्रंथः 1. हिंदी नाटक - बच्चन सिंह, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद 2. रंगदर्शन - नेमिचंद्र जैन, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली Iv. हजारीप्रसाद द्विवेदी - नाखून क्यों बढ़ते हैं? vi. हरिशंकर परसाई- पगडंडियों का जमाना viii. कुबेरनाथ राय- उत्तराफाल्गुनी के आस-पास 3. आधुनिक हिंदी नाटक और रंगमंच - नेमिचंद्र जैन, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली 4. भारतेन्दु हरिश्चन्द्र और हिंदी नवजागरण की समस्याएँ - डॉ. रामविलास शर्मा, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली 5. भारतेन्दु युग और हिंदी भाषा की विकास परंपरा - डॉ. रामविलास शर्मा, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली 6. नाटककार भारतेन्दु की रंग परिकल्पना - सत्येन्द्र तनेजा, राधाकृष्ण प्रकाशन, दिल्ली 7. जयशंकर प्रसाद : एक पुनर्मूल्यांकन प्रभाकर श्रोत्रिय, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली 8. नाटककार जयशंकर प्रसाद - सत्येन्द्र तनेजा, राधाकृष्ण प्रकाशन, दिल्ली मोहन राकेश (हिंदी लेखक) - प्रतिभा अग्रवाल, साहित्य अकादमी, नई दिल्ली 9. 10. आधुनिक नाटक का अग्रदूतः मोहन राकेश गोविंद चातक, राधाकृष्ण प्रकाशन, दिल्ली 11. हिंद निबंध और निबंधकार - रामचंद्र तिवारी, विश्वविद्यालय प्रकाशन, वाराणसी 12. हिंदी का गद्य साहित्य - रामचन्द्र तिवारी, विश्वविद्यालय प्रकाशन, दिल्ली 13. हिंदी गद्य विन्यास और विकास - रामस्वरूप चतुर्वेदी, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद 14. आधुनिक गद्य की विविध विधाएँ - उदयभानु सिंह, वाणी प्रकाशन, दिल्ली 15. दिनकर का प्रबंध - शिल्प - डॉ. नवीन कुमार, मीनाक्षी प्रकाशन, दिल्ली मूल्यांकन पद्धतिः 1. इस पत्र का पूर्णांक 100 है, जिसमें सतत मूल्यांकन हेतु 40 अंक और सत्रांत परीक्षा हेतु 60 अंक निर्धारित हैं। 2. सतत मूल्यांकन दो चरणों में C1 एवं C 2 के आधार पर किया जाएगा। 3. इस पत्र की सत्रांत परीक्षा की अवधि 3 घंटे निर्धारित है। 4. सत्रांत परीक्षा में प्रत्येक इकाई से दो-दो आलोचनात्मक प्रश्न पूछे जाएँगे, जिनमें से एक-एक का उत्तर लिखना होगा। (2x20 = 40 अंक) 5. प्रत्येक इकाई से दो-दो कुल चार व्याख्याएँ पूछी जाएँगी, जिनमें से दो व्याख्याएँ करनी होंगी। (2x10=20 अंक) Page 21 of 36