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HIN/Mn/505B (वैकल्पिक): आपदा जोखिम: कमी और प्रबंधन क्रेडिट - 2 इस पत्र के अध्ययन के उपरांत विद्यार्थी : i. आपदा की अवधारणा, कारक और महत्व से अवगत हो सकेंगे। ii. आपदा के प्रभाव और खतरों को समझ सकेंगे। iii. आपदा का वर्गीकरण, इतिहास और प्राकृतिक खतरों के प्रकारों को जान सकेंगे। iv. पर्यावरणीय प्रभाव; ओलावृष्टि, गर्म हवाएँ और उष्मीय, शीत लहरें, पाला और कोहरा की समस्याओं से अवगत हो सकेंगे। इकाई 1. आपदा प्रबंधन का परिचयः आपदा : अवधारणा, कारक और महत्व, आपदा चक्र, सुरक्षा की आपदा संस्कृति के चरण । रोकथाम, शमन और समुदाय आधारित डीआरआर, आपदा के प्रभाव और खतरे इकाई 2. प्राकृतिक खतरे सहायक ग्रंथः आपदा का वर्गीकरण, आपदा का इतिहास और प्राकृतिक खतरों के प्रकार: भूकंप, ज्वालामुखी, चक्रवात, सुनामी, बाढ़, सूखा और अकाल, भूस्खलन और हिमस्खलन, और GLOF, पर्यावरणीय प्रभाव, ओलावृष्टि, गर्म हवाएँ और उष्मीय, शीत लहरें, पाला और कोहरा 1. आपदा प्रबंधन आर. सुब्रमण्यम, विकास पब्लिशिंग हाउस, दिल्ली 2. आपदा शिक्षा और प्रबंधन - भंडारी और राजेंद्र कुमार, , स्प्रिंगर, न्यूयार्क 3. डिजास्टर रिस्क रिडक्शन इन साउथ एशिया- प्रदीप साहनी, प्रेंटिस हॉल, दिल्ली 4. आपदा प्रबंधन की पुस्तिका: तकनीक और दिशानिर्देश - बी. के. सिंह, रजत प्रकाशन, दिल्ली 5. आपदा प्रबंधन - जी. के. घोष, एपीएच प्रकाशन निगम, नई दिल्ली मूल्यांकन पद्धतिः 1. इस पत्र का पूर्णांक 100 है, जिसमें सतत मूल्यांकन हेतु 40 अंक और सत्रांत परीक्षा हेतु 60 अंक निर्धारित हैं। 2. सतत मूल्यांकन दो चरणों में C1 एवं C2 के आधार पर किया जाएगा। 3. इस पत्र की सत्रांत परीक्षा की अवधि 3 घंटे निर्धारित है। 4. सत्रांत परीक्षा में प्रत्येक इकाई से दो-दो प्रश्न पूछे जाएँगे, जिनमें से एक-एक का उत्तर लिखना होगा। (20x2 = 40 अंक) 5. प्रत्येक इकाई से दो-दो कुल चार टिप्पणियाँ या लघु उत्तरीय प्रश्न पूछे जाएँगे, जिनमें से दो का उत्तर लिखना होगा। (10x2 = 20 अंक Page 14 of 36