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HIN/Mj/503 व्यावहारिक हिंदी व्याकरण इस पत्र के अध्ययन के उपरांत विद्यार्थी : i. हिंदी व्याकरण की सामान्य संरचना को समझ सकेंगे। ii. हिंदी वर्णमाला, शब्द एवं शब्द - निर्माण की प्रक्रिया तथा पद से परिचित हो सकेंगे। iii. हिंदी में वाक्य की परिभाषा, प्रकार एवं निर्माण-प्रक्रिया को समझ सकेंगे। iv. संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया तथा क्रियाविशेषण के प्रयोग की समझ विकसित कर सकेंगे। V. कारक और उसकी विभक्तियों के प्रयोग की जानकारी हासिल कर सकेंगे। vi. वाक्यों में लिंग, वचन और पुरुष के सही-सही प्रयोग का ज्ञान हासिल कर सकेंगे । क्रेडिट- 3 vii. हिंद व्याकरण में काल की अवधारणा को समझ सकेंगे तथा वाक्यों में काल की उपस्थिति की पहचान कर सकेंगे। viii हिंदी व्याकरण में वाच्य की संकल्पना एवं उसके व्यवहार से परिचित हो सकेंगे। ix. उपसर्ग एवं प्रत्यय के माध्यम से नए शब्द के निर्माण की प्रक्रिया को सीख सकेंगे। x. पर्यायवाची, श्रुतिसम भिन्नार्थक, विपरीतार्थक शब्दों एवं अनेक शब्दों के लिए एक शब्द आदि के माध्यम से अपनी शब्द-सम्पदा एवं भाषा - ज्ञान को समृद्ध कर सकेंगे। xi. हिंदी के मुहावरे लोकोक्तियों के माध्यम से हिन्दी भाषा तथा समाज की गहरी समझ विकसित कर सकेंगे। इकाई 1. वर्ण- परिचय, शब्द- परिचय, पद- परिचय, वाक्य- परिचय इकाई 2. संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, क्रियाविशेषण, कारक प्रकरण, लिंग, वचन, पुरुष, काल, वाच्य इकाई 3. उपसर्ग एवं प्रत्यय, पर्यायवाची शब्द, श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द, विपरीतार्थक शब्द, मुहावरे लोकोक्ति, अनेक शब्दों के लिए एक शब्द सहायक ग्रंथः 1. हिंदी व्याकरण - कामता प्रसाद गुरू, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद 2. आधुनिक हिंदी व्याकरण और रचना - वासुदेव नंदन प्रसाद, भारती भवन, पटना 3. हिंदी व्याकरण और रचना - डॉ. वचनदेव कुमार, भारती भवन, पटना 4. हिंदी व्याकरण की सरल पद्धति - डॉ. बदरीनाथ कपूर, विश्वविद्यालय प्रकाशन, वाराणसी 5. हिंदी व्याकरण - रामचंद्र वर्मा, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली 6. सुबोध हिंदी व्याकरण- मीनाक्षी अग्रवाल, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली 7. हिंदी का शुद्धिपरक व्याकरण - प्रो. रमेश चन्द्र मेहरोत्रा, वाणी प्रकाशन दिल्ली 8. वृहद हिंदी व्याकरण - डॉ. रवि प्रकाश गुप्त, अरू पब्लिकेशन प्रा.लि, नई दिल्ली 9. व्यावहारिक हिंदी संरचना और अभ्यास - सं. बाल गोविन्द मिश्र, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा 10. मानक हिंदी व्याकरण और रचना सं. रमानाथ सहाय, एन.सी. ई. आर. टी., नई दिल्ली 11. हिंदी व्याकरण - हरदेव बाहरी, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद 12. मानक हिंदी व्याकरण- प्रो. रमेश चन्द्र मेहरोत्रा, राजकमल प्रकाशन, दिल्ली 13. हिंदी व्याकरण - डॉ. राजेश्वर प्रसाद चतुर्वेदी, उपकार प्रकाशन, आगरा मूल्यांकन पद्धतिः 1. इस पत्र का पूर्णांक 100 है, जिसमें सतत मूल्यांकन हेतु 40 अंक और सत्रांत परीक्षा हेतु 60 अंक निर्धारित हैं। 2. सतत मूल्यांकन दो चरणों में C1 एवं C2 के आधार पर किया जाएगा। 3. इस पत्र की सत्रांत परीक्षा की अवधि 3 घंटे निर्धारित है। 4. सत्रांत परीक्षा में प्रत्येक इकाई से दो-दो आलोचनात्मक प्रश्न पूछे जाएँगे, जिनमें से एक-एक का उत्तर लिखना होगा। (3x15=45 अंक) 5. प्रत्येक इकाई से कम-से-कम एक-एक और कुल चार टिप्पणियाँ पूछी जाएँगी, जिनमें से दो का उत्तर लिखना होगा। (2x71⁄2 = 15 अंक) Page 11 of 36