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HIN/Mj/502 भारतीय एवं पाश्चात्य काव्यशास्त्र क्रेडिट- 3 इस पत्र के अध्ययन के उपरांत विद्यार्थी : i. विभिन्न आचार्यों के काव्य- लक्षण संबंधी मतों की विवेचना कर सकेंगे। ii. भारतीय काव्यशास्त्र में काव्य- हेतु विषयक चिंतन पर प्रकाश डाल सकेंगे। iii. भारतीय काव्यशास्त्र में काव्य- प्रयोजन विषयक चिंतन पर प्रकाश डाल सकेंगे। iv. रस- निष्पत्ति की प्रक्रिया संबंधी विभिन्न मतों का परिचय दे सकेंगे। V. काव्य में अलंकारों एवं रीति के महत्व को समझ सकेंगे। vi. प्लेटो के काव्य विषयक विचारों को समझ सकेंगे। vii. अरस्तू के सिद्धांत को समझ सकेंगे। villi. कॉलरिज के काव्य संबंधी मतों की विवेचना कर सकेंगे। ix. इकाई 1. आई ए रिचर्ड्स के सिद्धांत को समझ सकेंगे। (i) काव्य - लक्षण, काव्य - हेतु, काव्य-प्रयोजन (ii) रस - संप्रदाय, रस: परिभाषा, अवयव, स्वरूप, रस- निष्पत्ति, साधारणीकरण इकाई 2. इकाई 3. (i) अलंकार- संप्रदाय, अलंकार: परिभाषा, भेद, काव्यालंकार का महत्त्व (ii) रीति- संप्रदाय, रीति: अवधारणा, भेद सहायक ग्रंथः प्लेटो- काव्य के सिद्धान्त, अरस्तू - विरेचन- सिद्धान्त, कॉलरिज - कल्पना की अवधारणा, आई.ए. रिचर्ड्स- संप्रेषण- सिद्धांत 1. भारतीय काव्यशास्त्र (भाग - 1 और 2 ) - बलदेव उपाध्याय, चौखम्भा प्रकाशन, वाराणसी 2. रस-मीमांसा - आचार्य रामचन्द्र शुक्ल, नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी 3. काव्यशास्त्र भगीरथ मिश्र, विश्वविद्यालय प्रकाशन, वाराणसी 4. काव्य- सिद्धांत और अध्ययन - गुलाब राय, आत्माराम एंड संस, दिल्ली 5. भारतीय काव्य-चिंतन - शोभाकान्त मिश्र, अनुपम प्रकाशन, पटना 6. संस्कृत काव्यशास्त्र का इतिहास - सुशील कुमार डे, बिहार हिन्दी ग्रंथ अकादमी, पटना 7. पाश्चात्य साहित्य चिंतन - निर्मला जैन व कुसुम बाँठिया, राधाकृष्ण प्रकाशन, दिल्ली 8. पाश्चात्य काव्य चिंतन - डॉ. शोभाकांत मिश्र, अनुपम प्रकाशन, पटना 9. पाश्चात्य साहित्यशास्त्र - लक्ष्मीसागर वार्ष्णेय, हिन्दी समिति, लखनऊ 10. पाश्चात्य साहित्यशास्त्र कोश - राजवंश सहाय 'हीरा', बिहार हिन्दी ग्रंथ अकादमी, पटना 11. पाश्चात्य काव्यशास्त्र भगीरथ मिश्र, विश्वविद्यालय प्रकाशन, वाराणसी 12. पाश्चात्य काव्यशास्त्र - देवेन्द्रनाथ शर्मा, नेशनल पब्लिशिंग हाउस, दिल्ली 13. पाश्चात्य काव्यशास्त्र - डॉ. तारकनाथ बाली, वाणी प्रकाशन, दिल्ली 14. पाश्चात्य काव्यशास्त्र का इतिहास - सं. नगेन्द्र, नेशनल पब्लिशिंग हाउस, दिल्ली 15. भारतीय एवं पाश्चात्य काव्यशास्त्र का तुलनात्मक अध्ययन - बच्चन सिंह, हरियाणा ग्रंथ अकादमी, चंडीगढ़ मूल्यांकन पद्धतिः 1. इस पत्र का पूर्णांक 100 है, जिसमें सतत मूल्यांकन हेतु 40 अंक और सत्रांत परीक्षा हेतु 60 अंक निर्धारित हैं। 2. सतत मूल्यांकन दो चरणों में C1 एवं C2 के आधार पर किया जाएगा। 3. इस पत्र की सत्रांत परीक्षा की अवधि 3 घंटे निर्धारित है। 4. सत्रांत परीक्षा में प्रत्येक इकाई से दो-दो आलोचनात्मक प्रश्न पूछे जाएँगे, जिनमें से एक-एक का उत्तर लिखना होगा। (3x15=45 अंक) 5. प्रत्येक इकाई से कम-से-कम एक - एक और कुल चार टिप्पणियाँ पूछी जाएँगी, जिनमें से दो का उत्तर लिखना होगा। (2X71⁄2=15 अंक) Page 10 of 36