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"मेरी रिपोर्ट लिखकर कार्यवाही की जाये", के पश्चात लिखा हुआ है। "मैं जाति से बाल्मिकी हूँ", तहरीर के अन्य अक्षरों की अपेक्षाकृत छोटे अक्षरों में है। मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि मैंने यह भी बयान दिया था कि मेरा फोन स्वीच ऑफ था। मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि दिनांक 14.09.2020 को समय 10:21:47 पर नम्बर 8445329615 से मेरे घर के नम्बर 9897319621 पर कॉल आया था या नहीं। मुझे इस वक्त यह ध्यान नहीं है कि मेरे भाई सन्दीप के मोबाईल नम्बर 9058725490 से मेरे घर वाले फोन नम्बर 9897319621 पर दिनांक 14.09.2020 को समय 10:24:52 पर 159 सेकेण्ड की कॉल हुई अथवा नहीं। फोन नम्बर 8076292278 मेरे बड़ी बुआ के बेटे मोनू का है, जो दिल्ली में रहता है। मेरी जानकारी में नहीं है कि बुआ के बेटे मोनू के नम्बर से मेरे घर के नम्बर 9897319621 पर 14.09.2020 को ही 11:47:18 पर 245 सेकेण्ड की कॉल थी या नहीं। अलीगढ़ पहुंचने तक मैंने फोन कहीं चार्ज नहीं किया था। मैंने, मेरे भाई सन्दीप को फोन एम्बुलेन्स के ड्राईवर से फोन लेकर उसी के फोन से दो-ढाई बजे दोपहर दिनांक 14.09.2020 को किया था। गवाह ने अपनी माँ की विडियों जो उसे न्यायालय में फोन पर प्ले कर दिखाया गया को देखकर बताया कि यह विडियों चन्दपा थाने पर बनाया गया था, जिसमें उसकी माँ दिख रही है। गवाह को दूसरा विडियो प्ले कर दिखाया गया जो बागला अस्पताल में बनाया गया था, जिसमें उसकी माँ दिख रही। गवाह को तीसरा विडियो प्ले कर दिखाया गया, जिसमें मेरी बहन पीड़िता दिख रही है। यह सही है कि मैंने दिनांक 14.09.2020 को मेरी बहन के साथ कोई घटना घटित होते हुये नहीं देखा। मैंने सी॰बी॰आई॰ विवेचक को अपने बयान में यह बात बतायी थी कि मेरी मम्मी रो रही थी और बोल रही थी कि इसे पता नहीं क्या हो गया है। मैंने प्रदर्श क-2 में अभियुक्तगणों की संख्या 04 लिखवायी है तथा दो-तीन अज्ञात लिखवाये हैं। इस स्तर पर गवाह को प्रदर्श क-2 पढ़ने के लिये दिया गया, जिसे पढ़कर गवाह ने बताया कि इस पत्र में 04 अभियुक्तगणों के अलावा यह भी लिखा हुआ है कि "व दो-तीन अज्ञात व्यक्ति जो गाँव बूलगढ़ी थाना चन्दपा के रहने वाले हैं उक्त लोगों की मदद से मेरी बहन (पीड़िता) को गन्दी नीयत से (पीड़िता) के गले में पड़े दुपट्टे से खींचते हुये बाजरा के खेत में दुष्कर्म करने के उद्देश्य से खींच ले गये।" यह बात गलती से टाईपिंग त्रुटि के कारण आ गयी, मैंने ऐसा नहीं लिखवाया था। रामवीर से घटना के बाद मेरी लम्बी-लम्बी बातचीत फोन पर नहीं हुई है। प्रदर्श क-2 मैंने सुबह 09:00-09:30 बजे के आस-पास लिखवाया होगा। मेरे चाचा बनवारी भी पत्र लिखवाते वक्त