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जानकारी में नहीं है। यह बात सत्य है कि अभियुक्त लवकुश, रामवीर का पुत्र है। लवकुश की उम्र 18–20 वर्ष होगी। लवकुश का घर मेरे घर से सटा हुआ है। मेरी बहन ने घर आते समय कहा था कि मुझे प्यास लगी है, मेरे लिये पानी लेकर आना। मैं घर पर घास का गट्ठर डालने तथा पानी लेने आया था। मैं बहन के पास पानी लेकर नहीं गया। मैं घर पर आराम करने लगा। छोटू के बताने के बाद मैं घेर से घर पर चला गया था, खेत पर नहीं गया था, मोटरसाईकिल लेने गया था। मैं घेर से सीधा खेत पर जल्दी पहुंच सकता था। मैं घर पर मोटरसाईकिल लेने गया था। मैं जल्दी की वजह से मोटरसाईकिल लेने गया था। जब मैं अपनी बहन के पास पहुंचा, करीब 08–10 लोग वहाँ पहुंच चुके थे। मुझे पता नहीं कि उस समय मेरी बहन के पास मुझसे पहले पहुंचने वाले आदमी, औरत, बच्चे मेरे ही गाँव के थे या किसी अन्य गाँव के थे। मैंने किसी आदमी औरत और बच्चे को नहीं पहचाना। मैंने नहीं देखा कि मेरे मोहल्ले के नाते से मेरी दादी किन्ना उर्फ किरन देवी वहाँ थी या नहीं। माँ को मैंने बहन के पास बैठे हुये रोते हुये देखा था। वरूण और पुतकन्ना भी वहीं बहन के पास बराबर में बैठे हुये थे। मुझे ध्यान नहीं है कि सोम सिंह उस वक्त वहाँ थे या नहीं। मैं उस जगह अपनी माँ तथा अपने परिवार के वरूण व पुतकन्ना के अलावा अन्य मौजूद व्यक्तियों के बारे में नहीं बता सकता। मैंने घटनास्थल से ही पुलिस कन्ट्रोल रूम फोन नहीं किया क्योंकि मेरे पास फोन नहीं था। उस समय फोन घर पर ही था, जो फोन घर पर था, उसका नम्बर 9897319621 था। यह कहना गलत है कि उस समय उपरोक्त फोन चार्ज अवस्था में था, उसकी बैटरी फूली हुई नहीं थी। मैं इस वक्त नहीं बता सकता कि मैंने 04.03.2020 के बाद अपना मोबाईल नम्बर पुनः कितने दिन बाद चालू करा लिया था। शायद हफ्ता 10 दिन बाद चालू करा लिया था। मुझे ध्यान नहीं है कि मेरे घर के नम्बर 9897319621 से मेरे गाजियाबाद वाले नम्बर 9953476043 पर दिनांक 05, 06, 07, 08 व 09.03.2020 को बात हुई थी या नहीं। मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि मेरे घर वाले नम्बर पर मेरे खोये हुये नम्बर से दिनांक 05.03.2020 से 09.03.2020 तक बातचीत किसने की। प्रदर्श क-1 मूल तहरीर मेरे हस्तलेख में है। यह सही है कि इसमें केवल एक ही व्यक्ति को नामित किया गया है। यह सही है कि इसमें बलात्कार से सम्बन्धित कोई आरोप नहीं है। यह भी सही है कि प्रदर्श क-1 में मेरे द्वारा यह भी अंकित है कि मेरी बहन चिल्लाई तो मेरी माँ रामा ने आवाज दी कि मैं आ रही हूँ। यह भी सही है कि प्रदर्श क-1 में "मैं जाति से बाल्मिकी हूँ", वाक्य