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161 को वादी मुकदमा पी0डब्लू० – 1 सतेन्द्र कुमार व पी0डब्लू0 - 17 रामा देवी ने स्वीकार किया है कि पीडिता की विडियो, जिसमें वह होश में थी और सटीक जवाब दे रही थी। इसके पश्चात् बागला जिला अस्पताल हाथरस में पत्रकार रवि कुमार ने विडियो बनायी । इसे भी पी0डब्लू0 – 1 सतेन्द्र कुमार व पी0डब्लू0 – 17 रामा देवी ने स्वीकार किया है। इसके पश्चात् जे०एन०एम०सी० अलीगढ में पीडिता को भर्ती किया गया, जहाँ पी0डब्लू०-5 कु० रश्मि ने उसका बयान लिया, जिसमें पीडिता ने बताया कि सन्दीप ने दुपट्टे से गला दबा दिया। पीडिता ने इस बयान में बलात्कार की कोई घटना नहीं बतायी। मृत्युकालिक बयान के सन्दर्भ में विधि का सुस्थापित सिद्धान्त है कि यदि मृत्युकालिक बयान स्वेच्छा से दिया जाना तथा विश्वसनीय होना साबित होता है तो मात्र मृत्युकालिक बयान के आधार पर अभियुक्त की दोषसिद्धि की जा सकती है। खुशाल राव बनाम् बाम्बे राज्य, 1958 एस. सी. आर. में माननीय उच्चतम न्यायालय ने यह अवधारित किया है कि ऐसा कोई कानून का नियम या सिद्धान्त नहीं है कि मृत्युकालिक कथन बिना किसी सम्पोषण के दोषसिद्धि का आधार नहीं हो सकता । यदि कोई कथन सच्चा है और स्वेच्छा से दिया गया है तो उसे किसी सम्पोषण की आवश्यकता नहीं । इस केस में माननीय न्यायालय ने यह भी अवधारित किया है कि न्यायालय को इस बात का ध्यान रखना चाहिये कि मृत्युकालिक बयान के अन्तर्गत किये गये कथन एक समान अथवा नहीं, बार-बार कथन का बदलना उसकी विश्वसनीयता को खत्म करता है और उसे अविश्वसनीय बनाता है । यह देखा जाना चाहिये कि कथन अपराध के बाद यथाशीघ्र किया गया हो और उसे पढाने सिखाने का अवसर किसी को न मिला हो । पी. एस. पटेल बनाम् गुजरात राज्य, एस. सी.सी. 1991 पेज-744 में भी माननीय उच्चतम न्यायालय ने यह अवधारित किया है कि अकेले मृत्युकालीन बयान के आधार पर ही दोषसिद्धि हो सकती है । पीडिता ने दिनांक 22.09.2020 को मुख्य आरक्षी सरला देवी को दिये अपने बयान में अभियुक्त सन्दीप द्वारा दुपट्टे से गला दबाना तथा चारो अभियुक्तगण सन्दीप, रामू, लवकुश व रवि द्वारा बलात्कार किया जाना बताया है। इसके पश्चात् पी0डब्लू० – 6 नायब तहसीलदार मनीष कुमार द्वारा लिये गये बयान चारो अभियुक्तगण के नाम बताये हैं तथा सन्दीप के द्वारा दुपट्टे से गला दबाते हुये पीछे की तरफ खींचना और चारो अभियुक्तगण द्वारा बाजरा के खेत में घसीटकर ले जाना बताया है परन्तु बलात्कार किये जाने का कथन नहीं किया है T