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140 कि यह सही है कि ओम प्रकाश के मोबाईल संख्या 9897319621 की सी.डी.आर. के पेज संख्या - 31/171 पर इस मोबाईल नम्बर से मोबाईल नम्बर 7618640133 पर कई आउटगोईंग कॉल्स हैं। उपरोक्त साक्षीगण के बयानों से स्पष्ट है कि मोबाईल नम्बर 7618640133 एवं 9897319621 के बीच लगातार बातें होती रहीं हैं। मोबाईल नम्बर 7618640133 अभियुक्त सन्दीप का है तथा मोबाईल नम्बर 9897319621 पीडिता के पिता ओम प्रकाश के नाम है। पी0डब्लू०–1 सतेन्द्र का कथन है कि मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि हमारे घर के मोबाईल नम्बर 9897319621 से अभियुक्त सन्दीप के मोबाईल नम्बर पर बात होती थी अथवा नहीं। इस सम्बन्ध में पी0डब्लू0 - 17 रामा देवी का कथन है कि मेरे घर में केवल एक ही मोबाईल फोन है, उस दौरान हम सभी परिवार वाले जैसे मेरे पति, मेरा बेटा सतेन्द्र, मेरी बेटी पीडिता और मेरी बहू आदि सब उसी फोन का प्रयोग किया करते थे। मेरे घर के फोन से मेरी बेटी अभियुक्त सन्दीप से बात नहीं किया करती थी। मेरे घर का कोई सदस्य उस फोन से अभियुक्त सन्दीप से उसके फोन नम्बर 7618640133 पर बात नहीं किया करते थे। इस सम्बन्ध में विवेचनाधिकारी ने अपने आरोप पत्र के पैरा -18 में यह उल्लेख किया है कि दिनांक 17.10.2019 से दिनांक 03.03.2020 तक अभियुक्त सन्दीप के फोन नम्बर 7618640133 से पीड़िता के परिवार के फोन नम्बर 9897319621 पर 39 कॉल्स हुई हैं तथा पीडिता परिवार के मोबाईल नम्बर 9897319621 से अभियुक्त सन्दीप के फोन नम्बर 7618640133 पर 66 कॉल्स हुई हैं। इस प्रकार इस अवधि में पीडिता के परिवार के मोबाईल तथा अभियुक्त सन्दीप के मोबाईल के बीच कुल 105 कॉल्स हुई हैं और पीडिता के पिता पी0डब्लू0 - 19 ओम प्रकाश का भी यह कथन है कि मेरे घर पर केवल एक ही फोन है और इसी फोन मैं व मेरी पत्नी, मेरा पुत्र व मेरी पुत्रवधू तथा मेरी पुत्री पीडिता प्रयोग करती थी। यदि पीडिता के परिवार का कोई अन्य अभियुक्त सन्दीप से मोबाईल पर बात नहीं करता था तो स्पष्ट है कि पीडिता ही अभियुक्त सन्दीप से बात करती रही होगी। उक्त साक्ष्य से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त सन्दीप व पीडिता के बीच मोबाईल पर लगातार बातचीत होती रही है। इस प्रकार पत्रावली पर मौजूद उक्त साक्ष्य से स्पष्ट है कि पीडिता एवं अभियुक्त सन्दीप के मध्य दोस्ती से भी अधिक घनिष्ट सम्बन्ध थे और उनके मध्य मोबाईल से लगातार बातचीत होती रही है। पत्रावली के अवलोकन से यह भी विदित है कि आरोप पत्र में विवेचनाधिकारी का कथन है कि फारेन्सिक जॉच में पीडिता के कपडो पर कोई