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जहाँ गयी है उसी जगह पॉपाल बाद गयी है वृष है मोरबी है उन के चले जाने बाद एक रूचि सांत र्हेती है ॥४॥ मोर्की तरह नाचानेवाले एस सरतुर को पति गंडर्व श्रएद दबाकर उसके इनडर को कॉर्ड दूँगा ॥ कोई कुटर को कोई बंदर्व को कोई एक बालक कोई शरीर में ज़काम होगआया था काश बदकार कोई सुंदर रूप दरव करे सृीपसार तोड़ कर रही है श्रम शाम है तो मनुशेय से दूर रहिए और हम लोगो से मत मिलिए ॥॥ श्रोगी मंतरा और ताबीज़ सुनता को शरवाद यदि रोग नीरावे करने वेल मंत्री के प्रयोगो का दूसरा वर्ग शेर शेरतु 18 तो 30 होगा जो एन की सुनता है तो फिर से होसाकता है ॥॥ जिस तारह मंत्रआ मंत्री का बीढ़ निस्खसित किया गया है भुलाते करते हैं उसे पाकर शतुर शोर ष्त्रु के निमित कहे जाने वेल मंतरा उसी मतलबे से उसकी जाने वेल मंत्रियों को साबोदित कर रहे जाते हैं

उपरे रोग मंतराइयों की तरह बहुत प्रोषित मंत्री भी मिलते है। केविहार शोर वाक़या एसी मात्रा खेने खाकर शार्पण मंत्री मिलती है । पोषित और मंत्रियों में मकान बँडणे बीच बने द्‍यान प्ोआध हूना क्ीएडीयों के मरने के संबध में पारथनाए श्रगास बचने पानी बरसाने गये बोस शादू पलटो पुरुषो की चार शोर हिसा बचाने के माँया श्रपाने वापस जाने मीं दिखाई देते है ॥ एस विश्वा की थोड़ी बहुत शान्त्रा श्री सकती हैं हन काबी काबी किसी से टूट गयी है फिट पर गयी हुई पर सुंदर शुरचाए मिलती हैं विटर्हा के सहित के चार कड़ाके पंद्राए मिलते हैं बहुत ही सरस हैं उसमें से दो वीरथुजे देते हैं चारीन दिशा के हवा के बाल पर पानी मूड डटे हैं मसाड सड़क की तरह कार्नरएवाले मूसरदार पानी जाता हैं सुंदर पंनी ॥ सदर या सांतान संत्कट पर दूसरा और पाप भी है एस कराए उपर रोग शांतिपात वेदके परिस्जतो समित किल्ला किए जा सकते हैं ॥ क्यूँ की पाअपी विचार से भौत क्रैच ना देना हैं पपीयूं को सांटी के निमित प्राई के विधा हैं एसी तरह षदर सरियपढ़ श्रीषिक मानसिक दूरले के क्यूँ की पाअपी विचार से भौत क्रैच ना देना हैं पपीयूं को सांटी के निमित प्राई के विधा हैं एसी तरह षदर सरियपढ़ श्रीषिक मानसिक दूरले के