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की चिडियाको भी कहते है। अॅडोबा-अविसीनियाके टाइग्रे (Tigre) प्रान्तकी यह राजधानी है। यह नगर गोंडरसे ११५ मील पर ईशान्य दिशामें बसा हुआ है। लाल समुद्रके मसोवा टापूसे मध्य अविसीनिया में जानेवाले मुख्य मार्गमें यह स्थित है। सूडान से अरविस्थान अथवा अरवसे सूडान जानेवाले यात्री यहाँ ठहरते हैं। यह उनके मार्ग में पड़ता है। १८८७-९६ ई० तकके इटली और अविसीनियाके युध्दमें इस स्थानकी बहुत हानि हुई, तथापि धर्मस्थानोंको विशेष क्षति नहीं पहुँची। १८९४ ई० में अविसीनिया निवासियोंने इटली की सेनाको अडोवाके युध्दमें ही पूर्णरुपसे पराजित किया था। अॅडमिरल्टीद्वीप समूह-यह द्वीप समूह न्यूगिनीके उत्तरमें बसा हुआ है। यह २ॱ-३ॱ दक्षिण अ० से १४६ॱ-१४७ॱ पूर्व० रे० में स्थित है। यह समूह लगभग ४० द्वीपों द्वारा बना है। इनमें मैनस सबसे बड़ा है। यह लगभग ६० मील लम्बा है।यहांकी सबसे ऊँची चोटी ३००० फीट ऊँचा है। १६१६ ई० में डच लोगोंने इसका पता लगाया था। तदनन्तर १७६७ ई० में फिलिपकाटेंरेट यहाँ आया। समुद्रमें द्वीपके चारों ओर ऊँचे ऊँचे टीले होनेके कारण 'चैलज्जर' ज़हाज़ के पहले यहाँ कोई भी नहीं आया। यहाँके निवासियोंकी रहन सहन पेपुअन है किन्तु वह मिश्र जातिके जान पड़ते हैं। ये लोग निरमांस-भक्षक होते और इन्होंने न जाने कितने ही गोरोंका खून कर डाला। अडयार-यह मद्रास प्रान्तका एक नगर है। यहाँ जानेके लिये मैलापुरसे जाना पड़ता है। यह थियॉसिफीका मुख्य केन्द्र बना हुआ है। यहाँ पर धार्मिक पुस्तकोंका एक बड़ा भारी पुस्ताकालय है। इसीके आधीन एक बड़ा प्रेस भी है। खजूर के वृक्ष यहाँ बहुत हैं जिसके कारण वहाँका प्राकृतिक दृश्य बड़ा मनोहर हो गया है। वहाँका जीवन भारत के कठोर धार्मिक-बन्धनोंसे बहुत कुछ मुक्त है और यहाँपर बहुत कुछ धार्मिक स्वतन्त्रता है। यहाँपर थियॉसिफीका एक कालेज और स्कूल है जिसमें विध्यार्थियोंके रहने का उत्तम प्रबन्ध है। संसारके भिन्न भिन्न देशोंसे थियॉसिफी मतवाले यहाँ आते हैं। यहाँका वायु मणडल धार्मिक और सामाजिक दृष्टिसे अत्यन्त उदा्र हो रहा है। अड़याल-मध्य प्रान्तका भणडारा जिलेकी भणडारा तहसीलका एक गाँव है। यह भंडारेके दक्षिणमें १४ मील पर पवनीके मार्ग पर बसा हुआ है। इसका क्षेत्रफल १३०० एकड़ है और जनसंख्या ३००० है। यहाँ महावीरजीका एक बहुत पुराना मन्दिर है। इनकी मूर्ति बहुत बड़ी है। लोगोंका कथन है कि यह मूर्ति स्वयं उत्पन्न हुई है। कुछ काल पूर्व जब यहाँ खुदाई का काम जारी था तब जैनोंके 'पारसनाथ' नामक देवताकी एक मूर्ति मिली थी। यहाँ ५-६ तालाब हैं। गोंड़ लोगों की बस्ती यहाँ अधिक है। यहाँ रेशमी किनारे की धोतियाँ, बाँसकी टोकरी और चटाइयाँ बहुत बनती हैं। पुलिस का थाना,प्राइमरी स्कूल,डाकखाना, तथा अस्पताल इत्यादि बने हुए हैं। सवास्थरक्षाके निमित्त एक फणड (fund) खोल रक्खा है। अॅड्रा-यह बन्दरगाह स्पेनके दक्षिणीय तट पर अॅलमेरियाके समीप है। 'रियोमाँड़ा' नदिके मुहाने पर भूमध्य सागरके तटपर यह है। इस स्थानसे अंगूर,शीशा इत्यादि वस्तु बोहर भेजी जाती हैं और अमेरिकाके स्ंयुक्त देशमें यहाँ प्रायः कोयला आता है। यहाँकी जनसंखा (१६०० ई०) ११७८८ थी। अड्रार-उत्तर अफ्रीकाके सहारा मरुभुमिके कई प्रान्तोंको यह नाम दिया गया है। स्पेनके 'रियो-डे-अॅरो' (Rio de aro) रियासतके दक्षिण की ओरका पहाड़ी तथा रेतीली ज़मीनके एड्रा सुटफ (suttuf) के नामसे पुकारते हैं। (Timbuctu) टिम्बकटूके ईशान्यमें जो पहाड़ी भाग है उसे भी इसी नामसे पुकारते हैं। सेनीगाल से उत्तरमें ३०० मीलकी दूरी पर पष्चिमीय सहारामें जो प्रदेश है वह भी अड्रार कहलाता है। इन स्थानों पर फ्रेंच आधिपत्य अधिक है। यह प्रदेश लगभग मरुभूमिके समान ही है किन्तु कहीं कहीं हरे भरे मैदान भी हैं जहाँ जल भी काफी होता है। सम्पूर्ण जनसंख्या यहाँकी २०००० है। शिंगेटी,वाडान और उजेक्टकी जनसंख्या कुछ अधिक घनी है। शिंगेटी मुख्य व्यापार का केन्द्र है। यहाँसे सुवर्णरज,शुतुरमुर्गके पर और खजूर इत्यादि सेन्ट-लुईको भेजा जाता है। नमक का भी बड़ा व्यापार यहाँ होता है। अँड्रियन-अमेरीकाके संयुक्तराज्यके मिशिगानके लेनावी परगनेमें रायसीन नदी पर यह बसा हुआ है। यहाँकी जनसंख्या लगभग २०००० है। यहाॅ अड्रियन कालिज १८५९ ई० में स्थापित हुआ था। यहाॅ पर एक औध्यागिक-शाला