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विलियम फिलिप्स ४७५ मे लिखे हैं, जिनका समस्त ससार मे मान हुआ है। भारत की आप एक विभूति है। वाइसराय की कार्यकारिणी-१७फरवरी१६४३ को सर्वश्री अणे,सरकार और सर हुरमसजी मोदी के त्यागपत्र देदेने के कारण वाइसराय की कार्यकारिणी परिपद् मे रिक्त हुए स्थानो की पूर्ति के सबध मे हुई रद्दोबदल के विषय मे २ मई १४३ को भारत-सरकार की अोर से अनलिखित सूचना प्रकाशित हुई :-रसद- सदस्य-दीवान बहादुर सर ए० रामस्वामी मुदालियर, जो इस समय बर- तानी-युद्ध-मन्त्रिमण्डल में भारतीय प्रतिनिधि हैं । व्यापार-सदस्य–सर अज़ी- जल हक, जो इस समय लन्दन मे भारतीय हाई कमिश्नर हैं । सूचना और प्रचार-विभाग के सदस्य-सर सुलतान अहमद, जो इस समय भारत-सरकार के कानून सदस्य हैं । कानून-सदस्य-सर अशोक कुमार राय, ऐडवोकेट- जनरल बगाल, (सर सुलतान अहमद के उत्तराधिकारी)। प्रवासी-भारतीय- विभाग-सदस्य-डा० एन० बी० खरे, जिन्हे १६३७ में मध्यप्रान्तीय काग्रेस- मन्त्रिमण्डल मे प्रधान-मन्त्री नियुक्त किया गया था, किन्तु १६३८ मे, अनु- शासन-भङ्ग करने के दोप मे, जिन्हे इस दायित्त्वपूर्ण पद से पृथक कर दिया गया था। गवर्नर-जनरल ने दीवान बहादुर सर एस० ई० रङ्गनायन, एम० ए., एल. टी०, पाई. ई. एस० को, जो इस समय भारत-मन्त्री के सलाह- कार है, सर अज़ीज़ल हक के स्थान पर, लन्दन में भारतीय हाई कमिश्नर नियुक्त किया है । सूचना में बताया गया है कि सर ए• रामस्वामी के उत्तराधिकारी का नियुक्ति का प्रश्न शीन दी नही उठता, क्योकि वर उद महीने के भीतर भारत प्रारहे है। मर एस. ई. रजना यन के उत्तराधिकारी की नियुक्ति की गोपणा भी बाद में होने वाली थी । पासाम और उनीमा प्रान्ती में, नवम्बर ३६ के बाद मन्त्रिमण्डल स्थापित दोचुके है. और सम्प्रति ऊवल ६ माता में मग पर्नर. अपने सलादकारी के. सध्यान ने, शामन कर रहा (ोको वानराव का कार्यकारिणी परिषद् ) विलियन फिलिप्स - " . निक भारत के मन्यनारक-यदि माना हान ने भी प्रापानी भारतको १५००१२ समरमा सरल, यावश्यक सर ने अपना नाम प्रदा करना 2. तीने निया में गिटन में गा।'