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सोवियत ४११ स्टैन्डर्ड आइल कम्पनियाँ-समस्त ससार मे मिट्टी का तेल और पैट्रोल बेचनेवाली अमरीकी कम्पनियो का समूह, जिनकी स्थापना मृत जान डी० राकफैलर ने की । १६११ मे, एक अमरीकी कानून के विरोध मे, यह कम्पनियाँ तोड़ दीगई, पर किसी-न-किसी तरह यह कम्पनियाँ कायम रही और राकफैलर का भी इनसे सम्पर्क बना रहा । सामूहिक रूप से इनका सगठन अब अस्त- व्यस्त होगया है, अनेक स्टैन्डर्ड प्राइल कम्पनियाँ बन गई है, जिनमे आपस मे बाज़ार के अन्दर प्रतियोगिता भी रहती है । कैलिफोर्निया, न्यूजर्सी और न्यूयार्क की स्टैन्डर्ड अाइल कम्पनियाँ सब इसी समूह की हैं। न्यूयार्क की स्टैन्डर्ड प्राइल कम्पनी सोकोनी-वैकुअम-समुदाय की वैकुलम अाइल कम्पनी मे मिल गई है। स्टैन्डर्ड पाइल-कम्पनियाँ समस्त ससार मे तेल की निकासी का नियन्त्रण भी करती हैं, खासकर संयुक्तराष्ट्र अमरीका, रूमानिया, वेने- ज्युला, दक्षिण अमरीका की रियासतों, इराक़ और दक्षिण अरब मे । १६३८ मे मैक्सिको के तेल का व्यवसाय इनके हाथ से निकलकर मैक्सिकन सरकार के हाथ मे जाचुका है । इन कम्पनियो के अधीन समस्त ससार के तेल की निकासी का चौथाई भाग है | तेल निकालना, उसे साफ़ करना, यातायात द्वारा ससार भर मे पहुँचाना और बेचना, सब कुछ इन्हीके हाथ मे है । ___ स्ट्रैसा का मोर्चा-मुसोलिनी के सुझाव पर, १६३४ मे, योरपियन राष्ट्रो की एक परिषद्, स्ट्रैसा नगर मे, डेन्यूब नदी के कछार मे किसी भी राष्ट्र के सम्भावित विस्तार की समस्या पर विचार करने के लिये, हुई थी। इस परिषद् मे इटली ने पश्चिमी राष्ट्रो-ब्रिटेन और फ्रान्सका पक्ष लिया था और जर्मनी का विरोध किया था। इस परिषद् की कार्यवाही स्ट्रैसा मोर्चा नाम से प्रसिद्ध है। ___सोकल-चैकोस्लोवाकिया का शारीरिक-विकास-सम्बन्धी राष्ट्रीय अान्दो- लन, जिसके दस लाख सदस्य है । इस आन्दोलन द्वारा, १६वी सदी मे, चैक राष्ट्रीय-जागरण और आधुनिक चैक जातीय-जीवन के विकास में बहुत साहाय्य मिला है । अक्टूबर १९४१ मे नासियो ने इस आन्दोलन को वहाँ भङ्ग कर दिया । अन्य स्लाव-जातीय देशो मे भी सोकल सस्थाये पाई जाती हैं, किन्तु सोवियत रूस मे यह आन्दोलन नहीं है। सोवियत-परिषद् या पंचायत का अर्थसूचक रूसी शब्द । सन्