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४०४ स्वीडन सीतारामय्या, डा० बी० पट्टाभि-बी० ए०, एल० एम० एम०; दक्षिण भारत के प्रमुख कांग्रेसी नेता, गाधीवाद के अधिकारी व्याख्याकार और गाधी- जी के पुरातन भक्त । अ०भा० आंग्रेस कमिटी के पुराने सदत्व ! सन् १६१६ से १६३० तक गूंगरेजी साताहिक 'जन्मभूमि' का नचालन-सम्पादन किया । सन् १९३०-३४ के बीच तीन बार मत्वानह आन्दोलन ने जल-यात्रा की । सन् १६३१ से कांग्रेस कार्य-समिति के तदत्य । सहकारी यान्दोलन में बहुत भाग । लिया और अान्न बैंक, भारत नमी इशारेन्म स्न्यनी, आन्ध्र इशोरेन्स कम्पनी, तथा अागरा न्युचुअल इंशोरेन्स कम्पनी की स्थापना ग्रादि से नम्बन्धित है। सन् १६३६ में महात्मा गाधी की अनुमति ने प्राप राष्ट्रपति पद के चुनाव मे, श्री सुभाषचन्द्र बोस के विरुद्ध, खडे हुए, जिसमें अापकी पराजय हुई । इस अवसर पर कांग्रेस में अवाञ्छित संघर्ष रहा । डा. पट्टाभि अँगरेजी के लेखक हैं । अँगरेजी तथा तामिल में कई ग्रन्थ उन्होंने लिखे हैं, जिनमे काग्रेस का इति- हास' और 'समाजवाद : गाधीवाद' महत्वपूर्ण हैं । ___ स्वीडन-क्षेत्र० १,७३,००० वर्ग ; जन० ६३ लाख; राजधानी स्काटहोम, राजा गुस्तव पंचम, जिसका जन्म १८५८ मे हुआ और जो १६०७ में गद्दी पर बैठा। यह देश परम्परा से तटस्थ रहा है । पहले इसका अन्य नार्डिक (नार्वे, डेनमार्क तथा फिनलैण्ड ) देशो से राजनीतिक सहयोग रहा है । स्वीडन में कच्चा लोहा बहुत अधिक है, इसीलिये इसका अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व है। इसके लोहे की दुनिया में बहुत मॉग रहती है । जर्मनी को यह बहुत अधिक कच्चा लोहा भेजता है, ब्रिटेन को भी भेजता था। स्वीडन प्रजातंत्र देश है, इसलिये वहॉ नात्सीवाद लोकप्रिय नहीं है, यद्यपि जनजाति के प्रति परम्परागत प्रेम है। यद्यपि स्वीडन को राजनीतिक, आर्थिक तथा सामा- जिक व्यवस्था समाजवादी नहीं है तथापि वहाँ ममाजवाद के प्रति आस्था है । इसीलिये समस्त योरप में स्वीडन के मजदूरों का जीवन-मानदण्ड सवांच है और उद्योग-धन्धों पर साम्यवादी प्रभाव है और बैंकों पर सरकार का असर