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फिलस्तीन
 

जमीन दे दी। साथ ही फिनलैण्ड ने रूस के विरुद्ध किसी गुटबन्दी मे शामिल न होना स्वीकार किया।

बाद मे, उसी साल, जर्मन फौजे फ़िनलैंड मे बुला ली गई। बहाना यह किया गया कि जर्मनी अपनी फौजे फिनलैंड में रखना चाहता है। और जब २२ जून १९४१ को नात्सी सेना ने रूस पर धावा बोला तो फिनिश सरकार ने उनको अपने अड्डे इस्तेमाल करने की आज्ञा दे दी और २७ जून को रूस के विरुद्ध, जर्मनी के पक्ष मे, फिनलैंड ने युद्ध घोषणा करदी। बरतानिया और अमरीका ने १९४१ के पतझड काल मे फिनलैंड को, रूस के विरुद्ध लडाई छेडने के कारण, चेतावनी दी। किन्तु, तब तक फिनलैंड रूस द्वारा लिये गये अपने भू-भाग को ही वापस नहीं ले चुका था बल्कि रूस की भूमि तक जा पहुंचा था। उसने इस परामर्श को भी नही माना कि फिनलैंड अपनी १९३९ वाली सीमाओं पर ही वापस आ जाय। ऐग्लो-सोवियत सहयोग को दृष्टिगत रखकर ६ दिसम्बर १९४१ को ब्रिटेन ने फिनलैंड के विरुद्ध लडाई का ऐलान कर दिया।

फिलस्तीन– क्षेत्रफल १०,४३० वर्गमील, जनसख्या १४,८०,००० । इनमे १०,००,००० अरब तथा ४,८०,००० यहूदी हैं। पहले यह तुर्किस्तान के अधीन प्रदेश था। विगत युद्ध के बाद, सन् १९१८ की सधि मे, राष्ट्रसंघ के शासनादेश के अनुकूल, ब्रिटिश सरकार के सरक्षण मे, कर दिया गया। सन् १९१७ की बालफोर घोषणा के अनुसार कि "फिलस्तीन मे यहूदियो के लिये राष्ट्रीय प्रदेश की स्थापना की जायगी", फिलस्तीन का द्वार प्रवासी यहूदियों के लिये खुल गया। अरबो ने इस नीति का विरोध किया। उन्होने कहा कि अंगरेजो ने तो १६१५ के मैकमैहन-पत्र-व्यवहार मे प्रतिज्ञा की थी कि फिल-