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टंडन
 

में अलवानिया के स्वराष्ट्र-विभाग का मत्री बना और '२२ में प्रधान मंत्री। त्यागपत्र देना पड़ा तथा सन् १९२४ में यूगोस्लाविया भाग जाना पड़ा। सन् १९२५ में अलबानिया वापस आया। अपने प्रतिद्वन्दी विशप फाननोली को हटाकर स्वयं राष्ट्रपति और सन् १९२८ में बादशाह बन गया। नरमी के साथ देश में सुधार करने शुरू किये। जोग के मुसोलिनी का पक्षपाती होने और इटली के उक्त तानाशाह का कुछ ही दिन पहले जोग के नवजात पुत्र का धर्मपिता बनने के बावजूद मार्च १९३९ में इटली की सेना ने यकायक अलबानिया पर आक्रमण करके देश पर जब कब्ज़ाकर लिया तो जोग सपरिवार विदेश को भाग गया और इस समय वह इॅगलैण्ड मे शरण लिये हुए है।








टंगानिका--अफ्रीका का एक प्रदेश, जो पहले जर्मन उपनिवेश था। सन् १९१८ के बाद से, राष्ट्र-संघ की शासनादेश (Mandate) प्रणाली के अन्तर्गत, ब्रिटेन के संरक्षण मे आ गया। इसका क्षेत्रफल ३,६६,००० वर्गमील तथा जनसंख्या ५१,००,००० है, जिसमे ९,००० युरोपियन हैं। यह प्रदेश पिछड़ा हुआ है। यहाँ क़हवा, तम्बाकू, रुई आदि पैदा होती हैं। सोने तथा हीरे की खाने भी हैं। यहाँ भारतवासी भी बसे हुए हैं।



टंडन, पुरुषोत्तमदास--सयुक्तप्रान्तीय लेजिस्लेटिव असेम्बली के अध्यक्ष (स्पीकर) है। प्रारम्भिक जीवन में वकालत-व्यवसाय करते रहे। परन्तु सार्वजनिक कायों तथा राष्ट्रीय आन्दोलन मे, सन् १९१७ के होमरूल-युग से ही, संलग्न हो जाने के कारण आपको वकालत का परित्याग कर देना पड़ा। हिन्दी-साहित्य-सम्मेलन के सस्थापको मे आप मुख्य हैं तथा उसके वर्तमान