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बेहयाई का बोरका



हाल सुनकर कमलादेवी और देवलदेवी को बड़ा शोक हुआ और उन दोनों मां-बेटियोंने अपने-अपने राज्य में हीरा और लालन का "स्मारक" बनवाया।

हीराबाई का जो स्मारक बना, वह एक तालाब था, जो "हीराझील" के नाम से प्रसिद्ध हुआ था; और लालन के नाम का जो "स्मारक" बना उसका नाम "लालन-पालन" रक्खा गया; वह एक 'अनाथालय' था, जिसमें अनाथों को औषधि, स्थान, अन्न-जल और वस्त्र मिला करते थे।


इतिश्री