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(१६४) वह क्या जानता था कि कौन जीतेगा। वह इसी विचार में था कि शाह ने नलीबुहोला को उस के पास भेज दिया।

२१.--उस समय जो घटना हुई उस का पूरा ब्यौरा लिखा

हुआ है। यह व्यौरा एक दक्षिणी ब्राह्मण ने लिखा था जिसका नाम काशी- राव था और जो शुजा- उद्दौला था। वही सब हिसाब किताब लिखता था और उसी ने चिट्ठयाँ लिखी थी जो शुजाउद्दौला की ओर से अहमद शाह और नजीबुद्दौला के पास शुजाउद्दौला भेजी गई थीं।

२२.-नजीबुद्दौला ने नवाब को यह सलाह दी कि
  • अहमद शाह आप ही के जाति के हैं और आप ही के धर्म के

हैं, हिन्दुस्थान के रहनेवाले नहीं तो क्या हुआ। जो पठान भगा दिये गये तो भाऊ पेशवा के बेटे विश्वास राम को दिल्ली के सिंहासन पर बैठा देगा और इम तुम दोनों की जान बची तो उसके शासन में रहना पड़ेगा।" नवाब ने उत्तर दिया कि “भाऊ सब कुछ कहे पर वह हमारा कटर बैरी है