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( १२१ ) हैं। ग़यास ने अपनी स्त्री को एक दटू पर चढा़या और आप पैदल उस के साथ हिन्दुस्थान की ओर चला। घर से निकलते ही एक लड़की पैदा हुई । वह ऐसी सुन्दर थी और उस की मुस्कराहट में पेसी चमक थी कि उस के बाप मे उस का नाम मिहर' ( सूर्य ) रख दिया।

४.....भारत बहुत दूर था।

राह में ठण्डी बयार चलती थी और दरै में बरफ़ भरी थी। खाने पीने की जो सामग्री थी

         योध बाई।

सब चुक गई। टट्टू गिर कर मर गया और उसकी सरी इतनी दुर्बल हो रही थी कि उस के लिये चलना कठिन हो गया था। ग़यास से कैसे हो सकता था कि अपनी स्त्री और बच्चा दोनों को अपनी पीठ पर लाद ले। इस से उसले मिहर को एक झाड़ी में छिपा दिया। वह यह समझा था कि कोई बटोही उसे उठा लेगा। पर दोनों बहुत दूर न गये थे कि माँ ने जान लिया कि बचा छोड़ दिया गया। उस ने वहीं से ग़याल को भेजकर लड़की मंगा ली।

५-मायास झाड़ी के पास पहुचा तो देखता क्या है कि

एक बड़ा काला साँप फन फैलाये मुंह बाये लड़की को