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हिन्दुस्थानी शिष्टाचार


बूढो की बातो का उत्तर देने में नम्रता को मात्रा साधारण से कुछ अधिक होनी चाहिए । समाज में सब को एक ही दृष्टि से देखना ओर उनके साथ एक ही सा व्यवहार करना इष्ट होने पर भी सर्वदा शक्य नहीं है। अतएव देश-काल-पात्र के अनुसार शिष्टाचार में कुछ भेद करना ही पड़ता है, पर उसमे इस बात का ध्यान अवश्य रक्खा जावे कि वैसे व्यवहार से अन्यायन लोगो को असन्तोष का अवसर प्राप्त न हो।



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