पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष सप्तदश भाग.djvu/८२

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. पहम्मदप-पहम्मद वैटते ही युद्ध में उलझ गये। कोनरी नोपलमें। इंजेको बीमारीसे इनको मृत्यु हुई। मुगल सम्रार घेत पालनेके समय इन्हें प्रीकसे लड़ना पड़ा और गौरङ्गजेपने जिस दोदएर प्रतापसे मारनवर्ष में इस्लाम १४५३ १० में नगर पर इनका अधिकार हो गया। धर्म का प्रचार किया था ठीक उसी प्रकार से फोनस्टैन्टो नोपलके मघापतनके पाद महम्मदके | साहससे प्राच्य जगदमें इस्लाम धर्म को पताका फहरान. प्रयत्न तथा मुशासनसे यहांफ दार्शनिक तथा विष्ठ में घरपरिफर हुए थे। मनुष्योने पाश्चात्य साहित्यमें बहुत उम्नति की। दो तुर्फ | महम्मद ४-ग्राहिमके पुत्र, मुकि एक सम्राट्। साम्राज्य, वारह मित्र राज्य तथा दो सौ नगरों पर अधिकार १६४६ में कोनस्टैन्टो नोप लफो गहो पर । कर लेनेके बाद ये प्रेट ऐन्ट प्राएड सिगनरकी उपाधिसे इस्लामधर्म प्रचार तथा मुसलमान राज्य विस्तारके विभूषित हुए । यह उपाधि इनके वंशधरोने भी कुछ लिये इन्होंने मिनतीय जातिके पिरुद्ध युद्ध-यासाको . काल तक गौरवके साथ बहन की थी। थी। दो लाख सेनाओंको युदमें मार कर काएिडया पर इसके बाद इटली जीतने के लिये महम्मद युद्धको इन्होंने अधिकार कर लिया तथा पोलेएट पर चाकर तैयारी में लगे। किन्तु वैवदुपिाकसे शूलरोगसे पोष्ठित दी। युसमे इनकी विजय सो हुई, पर पर्दा महम्मदीय हो पे १४८१ ई०में यमपुरको सिधार । । शासन स्थापित न कर सके। दूसरे वर्ष पोलैएके ___ यह इंसा-धम फे कट्टर विरोधी थे। ईसा-धर्मका राजा सोवेस्किने चोजिमके युरमें न्द हराया मोर मूलोच्छेद करनेके लिये इन्होंने ईसाइयों को अनेक बार अपना राज्य लौटा लिया। १६८१ १०में पे राज्यात सताया था। ईसाइयोंको इस्लाम धर्म में लाना ही इनके कर कारागारमें डाल दिये गये। यहीं पर १६६१ में अत्याचारका प्रधान उद्देश्य था। इसीलिपे इन्होंने ८० : इनकी मृत्यु हुई। हजार ईसाई नर-नारियोंको यमपुर भेजा था। पे अत्यन्त । महम्मद-एक मुसटमान रोकाकार | इसका प्रचलित माम साहसी, बलवान्, तीक्ष्ण घुद्धिवाले भीर भाग्यवान् पुरुष : था परान उस शारियत । ये हिजरोको यी सदोम पत्तगन 'थे। सर णोंका समावेश रहेने पर भी इनको कठोरटा, थे। इनका लिग्ना हुमा.माया' नामक मध देखने में मान निष्ठुरता तथा अयिभ्यासने इनके जोयनको कलुषित है। यह अन्य हिदाया' नामक प्रग्यको प्रस्तापनासाप यना दिया था। है। उपेद-उला पिल मशायुदकी 'शेर-उल-धकाय' नामक महम्मद ३५-तुर्क के एक सम्राट्। पिता ( ३य मुराद टोकाने मूलमयको मात कर दिया है। शेरोग: य. फे मरने पर १५६५में पे कोन्स्टेन्ट नोपलको गद्दी पर में मूलश्लोक भौर इसको विदायमा सयाराम यैठे। राजगद्दी पर बैठते दी इन्होंने अपने १९ भाइयों दिया गया है। इसके सिवाय 'वफाप'को गौर भी भनेक का काम तमाम कर नया १० गर्भयती बिमातामोंको रोकाएं हैं। जलमें जुषा फर अपना राज्य निकरक बना लिया। महम्मद-कन्वहारके एक रामा! मिलती जातिक जर्मनके कैसर हितोप यइलमासके पिरान इन्होंने युद्ध- अफगान थे। २०१५ अपने पिता मोर पसके मरने पावा फो यो । हरो जोतने के लिये यह दो साल बाद राज्याधिकारी दुप। १०१५में उन्होंने पाहन सेना ले कर ममसर हुए थे। इस पुसमै यहांफे सम्राट नगर में घेरा गला और परसिया मा सुलतान फे भाई मैकिस मिलनने वही पोरतासे इनका सामना हुसैन शोको हराया। इतना ही नहीं, परसिपा किया था। युरमे विजय प्राप्त न करने पर भो महम्मदीप राजाने प्रधान प्रधान फर्मचारियों मामपूर्ण मेलो. सेनाने हादरी सेनामोको युरी तरह घायल किया। सेर भारमसमर्पण किया त भएना मुहर होरीसे लौर पर महम्मद पवयं मुप मत हो : पहनाया था। इस परमार दो या बाद मामाने गपे। ये अपना गधिक समय मन्तःपुरमें रानियों में सरिया बन्दी गुगरानीको मान दिया । म ३१ साथ मोमाजीनुकमे दो दितावा करते थे। १५०४ मे राशीप पुरपिजेता हाथ पगार मिपारे। इन