पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष सप्तदश भाग.djvu/६८२

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६०४ पिस्स . चि.लेटिन और अरवी भाषामें लिखे पुरावृतोंको पढ़ | or shu. Saturn (शनि)or Seb. Osiris or Heshar, देखा, कि मिस्रके पुरातत्त्रमें सन्देह करनेका कोई कारण | Typhon or Seti and Horns or Hor ) समुद्रसे घिरे दिखाई नहीं देता। इसके बाद मिस्त्रकी प्राचीन और समुद्र द्वारा पांदप्रक्षालित मिसका बहुत दिनों तक कीर्तियां एक स्वरसे उनके अनुकूल में साक्ष्य प्रदान करने, राजत्व किया था। उस समय इस मिसकी आभा और लगी। जिन सब प्राचीन ग्रन्थकारोंने मिस्रका इतिहास | रमणीय दृश्यसे देवताओंको भी मुग्ध होना पड़ा था। लिखा है, उनमें कई प्रन्धकारों के नाम लिखे जाते हैं। देवोंके जो नाम लिखे गये, वे सभी सूर्यके हो नामान्तर ___होलिओ पालिसके पुरोहित शियनितास ( Sebe- या सूयके ही अर्थवोधक हैं ; केवल शनि सूर्यके पुत्र हैं। uytun ) नगरवासी प्राचीनतम ऐतिहासिक 'मनेयो', इसलिये सूर्य आदि देवोंने और उनके वंशजोंने सबसे { Manetho) ने सबसे प्रथम राजाके हुपमसे मिस्रके , पहले मिसका राजत्य किया। इतिहासकी रचना की। इसे पढ़नेसे मालूम होता है, इसके बाद त्रेता और द्वापर युगमें देवकल्प मनेस कि मेनाके राजत्वकाल (ईसा ५०६४ ५४०० ) से दूसरे (manes ) आदि राजाओंने बहुत दिनों तक राज्य दरायुसफे राजत्यके समय ( ३०० वप ईसासे पहले) तक किया ।इन सय राजाओं के अधिकांश नाम सूर्यफे एकार्थ. ३० राजवंशोंने मिस्रका राजत्व किया था। इसके बाद बोधक हैं। इससे मालूम होता है, कि सूर्यवंशेने पहुंत ३०० ईमें जुलियस अफेरिकनस् (Julius Africanus) | दिनों तक राज्य किया था। ने मिस्रका इतिहास संग्रह किया। इसके बाद ८०० ई० एसारमस विलसन ( Erusmas Wilson ) अपने मकका इतिहास यूसिरियस ( Buschius ) और जाज रचित मित्रके पुरातत्त्वमें लिखा है, कि इस देशके हसेषु सिन्सेलस (George. the syncellus)ने मिस्त्रका इति (Horsesu ) राजाके राजत्यकाल में एक शिलालेख और हास लिखा। हिरोदोतस, दिउदोरस (Diodorus) जोसे- पकरीके चमड़े पर लिखी एक पुस्तक मिली है । लिखन फास् (Josephus) आदि बहुतेरे लेखक प्राचीन प्रणाली परीक्षा द्वारा प्रमाणित हुआ है, कि उक्त प्रस्तर मिस्त्रका इतिहास लिख गये हैं.। वाइविल के सृष्टिविषयमें लिपि या शिलालेख मेनाके राजन्यकालके बहुत समय 'मिस्नमें बहुत-सी बातें मिलती हैं। होमरका काध्य | पहलेका है। कुछ प्रततत्त्वविद् पण्डितों का कहना है, कि मिनके वर्णनसे परिपूर्ण है। कुरानमें भी मिस्रका पूरा मिसमें १००० वर्ष तक पौराणिक काल था। इसाके विवरण है। इन सब .प्रन्धों के प्रमाणोंके सिवा प्राचीन ५७०२ वर्ष पहले (किसी किसीके मतसे ५००४ और मित्रकी सभ्यताका अक्षुण्ण निदर्शन-स्यरूप प्रकाण्ड- ४०००) मिसके आदिम राजा मेना ('मेना' क्या, मनु पापाणस्तूप ( Pyramid ) और पवित्र चित्रलिपि या | थे १) ने सिंहासन पर आरोहण किया था। - प्रस्तर-वोदित देवाक्षरनिवद्ध-वर्णन सुस्पष्टरूपसे मिस्रका | यहां हम मेनाकी वंशावली ( मनुवंश) को थालो. इतिहास प्रकट कर रहा है। चना करेंगे। वाइयिलक सृष्टितत्य प्रकरणके १०३ ___इस समय जर्मनी, फ्रान्स, इटली और इङ्गलैण्डके, अध्याय ( Genesis, Chap. :) में उल्लेख है, कि हाम' सैकड़ों प्रततत्त्वयिदोंने अपने भट्टट परिश्रमसे मिस्रका (Ilni) के चौथे पुत्र (Miznama) से ही इजिप्टका नाम इतिहास लिखा है। इन्होंने भूगर्भसे शिलालेखोंका उद्धार मिजराम हुआ है। हामके चार पुत्र थे,-कुश (Cush), कर विविध तत्वोंको मीमांसा की है। घुफ (Boockh), | मिजराम (mizran), फ़्त (Phut) और केनान (Cnthaan) लेपसियस ( Lepsius आदि बहुत मनुष्योंने जीवन- इनमें मिजरामने ही मिसकी स्थापना की थी। मिजराम. व्यापी परिश्रमसे मिसके अतीत तच्चका उद्धार किया है। के सात पुमि चारने मिसका आधिपत्य किया था। सत्य या देव-युग। | इन चारों के नाम इस तरह हैं.-१ लूद ( Lud ), २ अनम् । मिसके पुराणों ऐसा लिखा है, कि सूर्य आदि देयोंने (anam), ३ पाथरस (Pathtus) और नप्त (Aaptha) 1 ( Path या Vulcan. Run या Helios or Sun. Sos लूद और रुत् पृथक पृथक हैं। अनमके घंशधरीने