३. पान्या-पापिना पसाना त्रिपु गो माग गुमायन्ति । । मापिल्ला शाइका अर्थ है मा.का पिला या माताका पत्र स्युः गोऽष मानाशुद्रोऽपि दामी गतः ॥" पुव । ११६में मायुजेदने लिया है, कि मलयार उग.' (मनु २ म०)। फूलयासिनो स्वेच्छाविहारिणो उच्छहलप्रतिको रमपियों धन, मुद्ध, ययस, फर्म और विद्या घे पांच पूज्यस्थान और गरवी नापिकोंफे संयोगसे इस जातिको उत्पत्ति ययात् पूजाफे प्रति कारण हैं। जो उक्त गुणसे सम्पन्न है ! हुई है। फिर कोई कोई भरकी रमणी और समुद्रगामी यदी पूजनीय हैं। इन पांचोंमें विधा दो सर्यापेक्षा मुसलमान पणिोंके संयोगसे इस जातिको उत्पत्ति श्रेष्ठ है। यतलाते हैं। . . . . .. मान्या (सं० वी०) मान्य स्त्रियां राप् । १ पूजनीया इनमें अधिकांश ही धोपर ज्ञानिक हैं। स्वयकोला . २मगन्माला, अमयाँ। नूरफे राजा सी धीवरयंगसे उत्पन्न हुए हैं। समुदपपः . माप (हि. स्त्री०) मापने की क्रिया या भाय, नाप । २ में लूटना, भरपके साथ वाणिज्य तथा देशीय धीवरीको परिमाण । ३यर मान जिससे कोई पदार्थ मापा जाय, अरबी धर्ममतमें दीक्षा देना ही इनका प्रधान कर्म है। अडा. माग। मापफ (सपु०) १ मान, माप । २ यह जो मापता, यूरोपीय पणिक सम्प्रदाय, जय करमण्डल उपकूलमें हो। ३ पद जिससे कुछ मापा जाय, मापनेको भोज । र पहुंचा तर कालिकट सामरिराजने यिदेशीसे उपल. मापत्य (म० पु. ) मा विद्यते अपत्यमस्य । कामदेय । भागकी रक्षा करने के लिये हजारों मनुष्योंको इस धर्ममें मापन (म० पु.) मापयति सादिकमनेनेति मा.णिन्. दोसिन किया। अनिच्छा रहते हुए भी उन्हें बलपूर. करणे न्युट् । १ तुल, नाप । २ परिमाण, तौलना। गोस खिलाया गया था। पीछे ये लोग हिन्दुसमाज मापना देखो में नहीं लिये गये। अमी घे लोग सम्पूर्णरूपसे मुसल. मापना (हिं० कि० ) १ किसी पदार्थके विस्तार, भायत माग न हो फर हिन्दु जातिके हो एक परिस्पन, थोकरूपाने या पगंदय गौर धगत्यका किसी निपत मानसे परिमाण गिने जाते है। . . फरना, नापना। २ पदार्थ परिमाणको जानने के लिये __• ये लोग स्वभायतः मूर्ख, यलिष्ट और कर्मठ होते फोई फिया फरना, नागना। ३ पिसी मान या पैमाने हैं। साहसिफतामें इनकी अच्छी प्रसिदि है। .. भर. पर द्रप पा चूर्ण या गन्नादि पदाधीका नापना। ४. उसर मलयारफे मापिलोने विन्द्र अध्यदयफ माप. . मलयाला होगा। से किसी किसी भी हिन्दभायफो जयलम्यन किया गापिका-मनयार उपलयामी मुमलमान धर्मावलम्यो है। लोग विधया भीमाईसे सगाई करते है। इनमें जातिपिशेर । माटयाटम् प्रदेश के अधियामियोंने मुमन्ट योनाफेन या यमन-मापिला तथा नम्युरिन या नायरिन मान संत्रयमें भा कर इसलागधर्म ग्रहण किया। धीरे मापिला नामक दो दिमाग देगे जाने पाला पिमाग धीरे उन्हीं सर योगामे हिन्मायापम मुसालमान. प्रोक भादि जातिके संघबसे और दमग देशीय मा समाज मंगाउनमा योन्ननूरग. रागा इसी सम्प्रदाय मादिसे उत्पन्न हुआ है। दक्षिण पूर्याचलमें पे भरपी के भन्तमुना ६ ता मागिलासमाज प्रधान ध्यानः | भाषा बोलचाल करते हैं। -मम गाते हैं। ___ मलयार, सिगांकुमार कनाटा प्रगती की ये लोग दादी रपत भोर मिर. पाला पाते संरगा मदि । लोग शमयमायशील की है। सभी मस्तक पर रोपी पहनते हैं। सो धनी १ tr पति निश सुमोल हो ।यो मे पगड़ी धारण करते हैं। पगडमि मोगे पादीका काम तिन लोगों में पर किया सा रहता है। ये लोग समापनः परिसर धगो भारी मो मानिनोग माग FAMI परिष्टनविया सफेद मीर नीले रंगकी मादी नदीको पानी है। दरमवादि ये मानो अशी तगतो
पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष सप्तदश भाग.djvu/४९४
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।