पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/९३

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गंवारू-गगनमारकगण ८१ २ अज्ञानता, नासमझी। ३ मूर्खता, बेवकूफी।३ गवार गगन शब्दके नकारका गत्व भी हुआ करता है। ओरत। ४ गवारपन लिये हुई, जो मूर्खतासे भरी। बहुतोंके मतमें मूढ़ व्यक्ति हो गकारको खोकार करते हो। ५ भद्दी, बेढ़गी। हैं, वास्तविक णकार नहीं बनता। किन्तु आचार्य- गंवारू ( हिं० वि० ) ग्रामीण, देहाती, बेढंगा, भद्दा। मञ्जगेके निम्नलिखित श्लोकमें गत्वका प्रमाण पाते हैं - गंस ( हि स्त्री० ) १ ६ष, दुश्मनो। २ लगनी बात । "गणग्यो गगगो परिमाजले ।' ३ वाणको अनी, तीरकी नोक. गांमी। २ शून्य. ग्वालो जगह। ३लग्नको अपेजा दशम गसना (हिं० कि० ) १ कमना, जड़ करके बांधना। राशि, कुगडलीका १०वां घर। ४ अभधातु, अबरक । ५ मेघ, बादल । छन्दोविशेष । यह कप्पयका एक २ बानको खूब कड़ा करना सूतको गम देनेमे मंद है। बुनावटमें छेद नहीं रहता। ३ ग ठना. कड़ा पड़ना । गगनगति (म त्रि.) गगन गतिर्यम्य, बहवो.। ४ भरना। ५ चुभना, छिदना, घुमना । १ आकाशगामी हवामें उड़नवाना । (पु.)२ देवता। गमीला ( हि वि० ) तीक्षणाय, नोकदार । २ चुभोला, | ३ सूर्यादि ग्रह। ( स्त्री० ) ४ आकागगमन, आममानो धम जानवाला . ३ ठोम, ठम, जिममें छेद न रह। चाल, उड़ान । गइया, गऊ देखा। गगनचर ( म. वि. ) गगने चरति चर-टच । आकाश- गई करना (हि क्रि० ) टालना, बराना, सुनी अनसुनी | गामी. आममानमें चलने फिरनेवाला । २ विद्याधर । करना। (पु०) ३ पक्षी। गईबहोर ( हि. वि. ) बिगड़ीको बनानेवाला । गगनचरी -विजयाई पवतको दक्षिण गोमें स्थित माठ गउथ (हिं. स्त्री० ) माविशेष. एक घास। यह अफ-| | नगरांमसे एक नगर । गानस्तान ओर बन्न चस्तानमें अपने आप उपजा करती गगनधूल ( हि स्त्री० ) १ किमी किम्मका कुकुरमुत्ता। है, किन्तु भारतमें चौपायोंको खिलानके लिये लगायो यह गोलाकार रहती और वर्षा ऋतुको पेड़ों के नोचे या जाती है। इमका वोज आश्विन कार्तिक माम खेतकी खुन मैदानमें उपजती है। इमका वर्ण श्खेत आता और नूतन पुष्पका शाक बनाया जाता है। शुष्क हो मेडों पर डाला और जन्नमे अच्छी तरह मींचा जाता है। गउथ ६ माममें प्रस्तुत होता है। जान पर मर्क मध्यभागस मलिन हरित्वर्ण रज: निक- गऊ (हिं स्त्री० ) गो, गाय । लता है। यह धूनि कान बहनको अति लाभदायक ओषध है। २ केतकीपुष्परजः, कंवड़े के फूलको धूल । गकार ( सं० पु० ) ग स्वरूप कारः। ग स्वरूप वण, 'ग' गगनध्वज ( सं० पु० ) गगने गगनस्य वा ध्वज इव । १ मेघ, अक्षर। बादल। २ सूर्य। गक्कर (हिं. पु० ) जातिविशेष, एक कोम । इम जातिके | गगनन्दन--विजयाई पर्वतको उत्तर यंणमें स्थित लोग पञ्जाबके उत्तर-पश्चिममें निवास करते हैं। पचास नगरों में से एक नगर गगन ( म क्लो० ) गच्छत्यम्मिन्, गम-युच गवान्तादेशः । गगनप्रिय ( म० पु. ) एक देत्य। (इरिवग ४१ १०) गमर्गय । उण, २।७। १ आकाश, आममान, चलने फिरने गगनभेड़ (हिं स्त्रो० ) पक्षिविशेष, एक चिडिया । यह का खाला जगह । इमका मस्त पयाय-वाह, धव, जलके निकट निवाम करती है। पयाय- कज, कगंकल आप, पृथिवा, भू, स्वयम्भ . अध्वा मागर, समुद्र ओर अध्वर है। है। मरे पर्याय अाकाश शब्दमें देखो । गगनका गुण-व्याप गगनमगडल (म. क्लो) गगनस्य मण्डलम्, ६-तत् । कत्व, विद्रत्व, अनाश्रय, अनालम्ब, आश्रयान्तरशून्य, | __आकाशमण्डल, आममानका घंग । अव्यक्त और अधिकारिता है। गगनमारकगण ( म० पु०) अभ्रमारकट्रय, अबरकको "चिति जलपावक गगन समौरा। (मुखसौ) कुश्ता बनानवालो चोज।