पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/७१

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खेदना-खेयोगाथा जैसे-- २ अवमाद, अफसर्दगी, थकावट। ३ रोग, बोमारो। नगर चारो ओर चहारदीवारीसे घिग हुवा है। पहले माहित्यदर्पणके मतमें गति अथवा पथगतिम उत्पन्न होने समयमें यह एक समृद्धिशाली नगर था। आजकलभी वान्ना भ्रम, भुलावा। यह लम्बी मांस पाने और मो. कई एक खण्डहर पूर्व गौरवका परिचय देते हैं। यहां जानका कारण है। ( माहित्यदर व २५०) म्य निसपालिटीभवन, विद्यालय, थाना और पाय- वेदन ( मं० लो० ) खिद-ल्य ट खेद, रञ्ज, अफमोस। | निवाम हैं। खेदना (हिं० कि.) खदेरना, भगाना, पोछा करना। खेमटा (हिं. पु०) छह मात्राओंका एक ताल। कोई खेदा (वै. स्त्री०) रश्मि, रज्ज । (मक ८००१३) कोई चार मात्रावीक तालको भी 'खमटा' कहता है। खेदा ( हिं. पु.) १ आखेटमें किसी वन्य पशको वध | करने या पकडनके लिये खदेर करक एक उपयुक्त स्थानमें ल जानका ढङ्ग। इममं लोग ढोल बजाते और हल्ला धाटे धे नाते न, ताटे धं नाधेन :: मचाते हैं. २ शिकार, अहेर । वेदाई ( हिं० स्त्री० ) १ खदेर, पौछा। २ खदेरनेकी धेगेधि नातिन नागधि नातिन :: उजरत या मजदूरी खेटि ( मं० पु. ) ग्विद अपादाने इन्। किरण, झलक | इस सालका नाच गाना भी 'खेमटा' ही कहा जाता खेदितव्य ( मं० ली.) खिद भाव तव्य । खेद, अफमोस।। है बरतने वाली मीनालगाया खेदिनी ( मं० स्त्री० ) अशनपर्णीवृक्ष, एक बेल । खेमा ( अ० पु. ) शिविर, डरा, तम्ब, कनात । खेद्य ( मं० त्रि.) खिद-णिच् ण्यत्। कलाया जानेवाला, | खेय ( सं० त्रि. ) खन्यस खन् कमणि क्यप् इकारवादेशः । जिम अफमोम करना पड़े। १ खननोय, खोदा जानेवाला। ( लो० ) २ परिखा, खेना (हिं. क्रि० )१ नाव आदि जलयान चलाना, | खाई। ३ घरनई। जहाजरानी करना। विशेषतः नौकादण्डका परि खयोगथा-चट्टग्राम और आराकानवामी जातिविशेष । चालन 'खेना' कहलाता है। २ निर्वाह करना, पार साधारणत: मनुष्य इन्हें 'जुनिमध' कहकर पुकारते लगाना। हैं। इनमें बारह शाखायें हैं:-१ रिपाइमा, २ पलनमा, खेनेवाला (हिं.वि.) खेवैया, नाव चलानेवाला। ३ पलङ्ग,त्सा, ४ कोकदिनत्मा, ५ बैयनत्मा, ६ माणसा, खेप (हिं. स्त्री० ) १ भरती, लदान, चालान । एक | ७ फागोयत्सा, ८ कोकपियत्मा, ८. चेरेङ्गामा, बारमें जितनी चीज ले जायी जाती, 'खेप' कहलाती १० मरोत्सा, ११ मावकोत्सा, १२ कोङ्गखे उङ्गात्सा, १३ है। २ दौड़, पहुँच, रवानगी। टेडाच्यात, १४ कौकमात्मा, १५ महलगत्मा । जिस खेपड़ो (हिं. स्त्री० ) १ नावको बल्ली । २ नौकादण्ड, | नदी किनारे ग्राममें वे दलबांध कर रहते हैं, उसी नदी- | डांड़। के माममे अपनी अपनी शाखाका नाम रख लेते हैं। कर्म- खपना (हिं. क्रि० ) काटना, पहुंचाना, गुजारना फन्नी नदीक दक्षिणभागमें जो रहते हैं. उन्हें मङ्ग, नदी खेपरिभ्रम ( म० ली.) १ आकाशमें विचरण, प्राममानमें | किनारे वन्दार वनवासी वोमोङ्ग'को कर देना पड़ता है। चलफिर। (त्रि. ) २ अाकाशमें विचरण करनेवाला, और जो कर्णफूली नदीके उत्तरभागमें रहनवाले मोङ्ग जो हवामें उड़ता हो। राजाको कर देते हैं । ग्रामवामी द्वारा निर्वाचित किसी खेमकर्ण--पञ्जाबके लाहोर जिलेको कसूर तहसीलका मण्डलको गजाका कर वसून्न करनेके लिये नियुक्त एक मगर । यह कसूर नगरसे ३॥ कोम अक्षा० ३१८ करते हैं। वही मण्डल वस्तीके छोटे छोटे मुकदमोंका उ० और देशा० ७६ ३४ पू० में विपाशा नदीके प्राचीन विचार करते हैं, जिसमें इनको दोनों पक्षमे कुछ कुछ किनार अवस्थित है। वहांको लोकसंख्या ६०८३ है।' मिल जाया करता है। Vol VI. 18