पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/६

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सातव्यकाबातिक से युतिज क्षेत्रफल २७० निकलता है। इनका योग- रसको वैध ५से गुण करने पर क्षेत्रफल १९२० होता है। जो फस (१२+३+२७०८४२.) ४२०है। इसको गहा पपने सुइसे धीरे धीरे घटकर एकबारगो हो। में बांटनेसे समक्षेत्रफल ७. पावेगा। इसको वेध से गुम हो जाता, सूचोखात कहलाता है। इस गले को पूरण करने पर ४८० फन मिला। इसलिये खातका समखास मानमेसे पानवाले फल का अंश की सूची परिमाण ४८. घनास्त होगा। बावड़ी, तालाब खासका फस समझना चाहिये। पादिका परिमाण प्रायः इसीप्रकार निकालते हैं। क्योंकि उसका मुख पोर तन्न बराबर नहीं रहता। उदाहरण-११ हाथ लम्ब, १२ हाथ चौड़े और ८हाथ गहरे सूखोखासका फल कितमा होगा ? प्रक्रिया-इस समखासके फल १२८४को ३से भाग करने पर ४३२ फम मिलता है। इसलिये ४३२ हो एक सूचौखातका फल है। विषमखात लिस गोल समावका व्यास १.और वेध ५३, फल किसमा निकलेगा? पहले दिखलाये हुए समत्त खातके क्षेत्रफल १९९. का इसे भाग करने पर १३९ उस गोलतकावका फस समभुज समखासका उदाहरब-जो गड़ा १२ हाथ | मिकला। (लीलावती-खातम्यवहार ) सम्बा, १२ हाथ घोड़ा और 2 हाथ गारा है-उसका साता (हिं० पु.) १ बड़ी खत्तो, खों। २ हिसाब घनफल खा पावेगा। किताबको बहो।समें रिक पसामा या कारवारीका पिसाब रोज रोज व्योरेवार सिखा जाता है । ३ विभाग, मद। खाति ( सं• स्त्री० ) वम भावे शिन् पाच । खनन, बोदाई, खोदनेका काम। बातिक-दाचिणात्यकी एक जाति । बम्बर प्रदेशक विजयपुर शोलापुर पचलमें या सोग रहते हैं । प्रक्रिया-क्षेत्रफल १४४को वैध हारा गुण करने कहीं कहीं खातिक सूर्यवंशी साड़ भी कहलाते हैं। से फस १२८६ घमास्तमेगा ।। मम्भवतः यह गुजरातके सूर्यवंशियों की शाखा अँगे। इत्तखातक्षा उदाहरण-जिस गोल गढेका बास यरोग मराठी भाषामें बातचीत करते हैं। १०और वेध ५हाथ, उसका फसखिर करो। पौर महाराष्ट्रसे पा कर इस पचलमें बसे रोंगे। इनमें सूर्यवंशी लाड़ पौर सुलतानी नामक ऋषियों होती हैं।म दोनों विभिन विभागों में सामावीमा या यादी व्यास १. विवाह नहीं चलता। ___ खातिकीम गिलगीकर, वुजकलर, चंदूकास, धर्म- कम्बला, गोविन्दबारू प्रभुकर, राजपुरो प्रति उपाधि प्रक्रिया-वृत्तक्षेवके नियमानुसार प्रक्रिया करनेता वरया होगीका एकही उपाधि सनसे पर सूज परिधि और सूक्ष्म वेत्रफस पाता यानी बाते।