पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/५९६

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भोरखा-गोगचन्द जानवान्ना एक तरह का पशु जो गधे मे बड़ा पोर घोड़से गोरमा ( म० स्त्रो० ) तृणविशेष, एक तरहको सुगन्धि छोटा होता है। यह प्रायः तोन हाथ जचा ओर पच घास । कः हाथ लम्बा होता है। इसका पट श्वत और शष गोरभम ( म त्रि०) गोः पयम्तद रभम व गो वीर्य यस्य. अङ्ग हिग्न रंगका होता है । यह तगामो एव इमर्क। बहुव्रो०वीय वान, बलिष्ठ । कण बर्ड और दम पर रोग होते हैं। ये मैदान में गोग्या (देग०) अग्रहायण माममें होनेवाला एक तरहका मडके झंड रहत और हगे घाम तथा पत्तियों खा कर धान । इम धानका चावन्न बहुत दिन तक रखमकते हैं। जीवन निवाह करते हैं। गोरन्न ( देश. ) एक तरहका जगली बकरा । गोरखा (हि.प.) १ नपानक अन्तगत एक प्रदेश ! २ गोरखा ( देश. ) एक तरह का बाम । इमको कोटा छोटो गोरख देशका रहनवाना ! गौम्यं देखा। टहनिया मे हक के नीचे बनाये जाते हैं। गोरखाली ( हि पु०) नेपालकै मधा गोरखा नामक गोरवाल-गुजगत प्रदेशको एक ब्राह्मण जाति। उदय प्रदेश। पुरक गजान इन ब्राह्मणों को बुलाकर अपने यहां यन्त्र गौरङ्ग ( म० पु०-स्त्रो०) गवा वाचारकरिव । १ एक किया था। यजको ममाहि होने पर इन्हें राजाको अोरम तरहका जलपक्षी। २ लग्नक, जमीनदार । ३ वन्दी. बाईम गाँव दान दक्षिणाम मिल थे जिनमेंमे गोल नामक केटो। ग्राम प्रमिद्ध था। उमो गोल के नामसे ये गोलवाल या गोरचकरा ( देश. ) एक तरहका जगलो पौधा जो मन गोरवाल ब्राह्मण कहलाने लगे हैं। जातिका होता पार जिमके पत्ती घोकुत्रारको तरह गोरम ( म० पु. ) गवां रमः, तत् । १ गोदुग्ध, गायका चिकन और लम्बे होते हैं। फिलहाल शोभाक निये दुध । २ दधि, दहो । ३ तक, मठा, छाक । ४ वाक्यगत यह पौधा उद्यानमें लगाया जाता है। इममें छोटे छोटे । रम ई ट्रिगीका सुन्न । फल भो लगते हैं। यह दवाईमें बहुत उपयोगी है। गोरमज ( मलो . ) गौरमात् जायते गोरम-जन-ड। इसका गुण कड़ा , गरम, भारी दम्तावर, और प्रमेह, तक, मता, काछ। (त्रि.) जी गोरमसे तैयार हो। कोद, त्रिदोष, कधिरविकार तथा विषमज्वरनाशक है। गोरसर (देश) बाम पखाको डटोमें बधो हुई पतली गौरज ( म० पु० ) गोके खुरांसे उड़ो हुदै गर्द वा धूल । कमाची। गोरट ( म० पु० ) गवि रहति रट-अच । खदिर, खैर। गोरसा ( हि पु० ) गायके दूधमे पाला हुआ बच्चा। गोरटा (हिं. वि. ) गोरे रंगवाला, गोरा। | गोरमी ( हि • स्तो० ) द ग्ध गर्म करनकी अगोठो । गोरण ( म० की. ) गुर भावे ल्युट । उत्तोलन, उद्यम। गोरस्थान ( फा० पु०) कव्र, मुर्दा गाड़नकी जगह । गोरराटन-मन्द्राजके कान जिले के अन्तर्गत और, कण ल गोरा हि वि०) १ गौरवर्ण, वत और स्वच्छ वर्णमाला । नगरसे ८. कोस दक्षिणमें अवस्थित एक ग्राम । यहां (देश) २ नोलके कारखाने की एक तरहको कल । बहुतसे प्राचीन मन्दिर और उनमें उत्कोण शिला ३ लबोदरा आकारका एक तरहका नीबू । लिपि हैं। गोगाई (ह. स्त्री० ) १ गोरापन । २ सुन्दरता, मौंदर्य । गोरथ (म० पु. ) मगधदेशस्थित एक मनोरम पर्वत। गोराचन्द-एक मुमलमानधर्मावलम्बी फकीर। ये पौर- मोरथक ( स० पु० ) गोयान, बलकी गाड़ी। गोराचन्द मामले मशहर हैं। ऐसा प्रवाद है कि एक बोरन (देश) एक तरहका छोटा पेड़। रमको मकड़ी | समय ये मक्का दर्शन कर सुन्दल नामक नौकर के साथ साल होता है। और किश्तियां बनाने और इमारतके लौटे पा रहे थे। हतियागढ़ परगमके निकट दो पिशाच- • काममें पाता है। चमार इसके छिलकेसे चमड़ा सिख ने उन पर पाक्रमण किया । बहु काल युद्धके बाद करता है। यह वृक्ष मिध, बगालकी नदियों और समुद्र- उनमेंसे एक मारा गया, किन्तु दूसरेने गोराचन्दको विशेष किनारको भौंगी जमीनमें अधिकतासे होता है। रुपसे चोट दो और उनके कंधको दो खण्ड कर दिये