पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/५८

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खरमा-खुरासान खुरमा (पा. पु.) १ खारक, छोहारा। २ कोई पक- प्रतिसप्ताह मवेशियों का बड़ा बाजार लगता है। वाम। खुरमा मीठा और नमकीन दोनों तरहका खगक (सं• पु०) खरपाकन् । १ पश, चौपाया। बनता है। पहले मोटा पाटा मोयन डाम कर दूध में २ यवनास, शुभार। साना और उसी समय पच्छानुसार चीनी या नमक खराक ( फा० स्त्री०) पाहार-भोजन, खामा। डाला जाता है। फिर मोटो गेटी जमा उसको बेस खुगको ( फा.स्त्री)१ खाने के लिये दिया जानेवाला कर कोटे छोटे लम्बे तिकोने या चौकोर टुकड़े उतारते नकद पैसा । ( वि. )२ पेट, बहुत खानेवासा । पौर उन्हें धीमें लास करके भूनते हैं। कोई कोई सदे खुराफात ( म० स्त्रो०) १ प्रश्नोस तथा प्रकिचन विषय, खुरमे बमा कर ही चीनौमें पाग लेता है। बुरी बात । २ मिन्दावाद, गालीगुफला। ३ उपद्रव, खरसो (सं• स्त्री० ) खुर मह साति पौनः पुग्येम यत, झगड़ा। मा-क गौगदित्वात् डोष् । १ शस्त्र प्रयोग, अस्त्रशिक्ष, खुरायल (हि. पु० ) वपन के लिये प्रस्तुत क्षेत्र, जो खेत थियार सानेकी साशीम । विपक्षके भाक्रामयम बानके लिये तैयार हो। प्रामरक्षा करने का अभ्यास, दुश्मन के इमलेसे अपनको खगलक (सं० पु. ) खर इस अलति पर्याप्नोति, मल- बचानको महारत। खन : सौहमय वाण, लोहे का तोर। खुरसाना (स. स्त्री० ) १ यमानीभेद, खुरासानो खगलिक ( स० पु. ) ख्नु राणां पासिभिः कायति प्रका. अजवायन । (पु. ) २ खुरासानी घोड़ा। गते, के-कनावितभण्डी, कुरहरी। २ माराच परमोटा, खुरपका देखो। पस्त्र । ३ उपधाम, तकिया। परहर (हिं. स्त्री.) १ खुरों के चित्र, सुमके निशान्। खुरासमोवचा ( स० स्त्री.) खुरासानी या सफेद बच । २ जाल में पहुवोके चलने को खरों की बनी हुई कोई खुरासान-एक विस्त त जनपद, कोई बड़ा मुल्क । गा।३ पगडण्डी। "कि पौठ समासाद्य मर गान सुरवरी। बरहा, सपका देखो। परामामाभिधी देशो में वमोग परायणः।" (निामतन्त्र खग (हिं० १०)१ खुरपका। २ लमें फाल या हम सोग जिमको अफगानिस्तान बलचिस्तान कुसियाको मजबूती के लिये लगाया जामवाला लोहे का बोलते हैं, पफमाम, बम्नची और ब्रहरी नातिया से एक कांटा। खुरासान कहती हैं; किन्तु यह बहुत बड़ादेश , सराई (हि.सी.) चोपायों के दामों पैर बांधनेको को पूरा पता नहीं लगा माता कि यह ठीक कितमा एक रस्मो। बड़ा है। किसी किसीके मतमें खुरासानके उत्तरम खराई-मध्यप्रदेश सागर मिलेकी उत्तर-पश्चिम पारस और काष्पीय दके बीच की मरभूमि दक्षिण तहसोस । यह प्रक्षा• २३. ५१ तथा २४.२० उ० में लक्षण मरुभूमिसे पारस के दूसरे दमर भागों में पोर देगा. ७८.४ एवं ७८• ४१ पू०के मध्य पवा पथक्षा है, पूरबमें पफगानिस्तानको सीमापर खिसका रकबा ८४० मगमोश और पावादी प्रसभ्य जातियों का निवास और उर्वरा भूमि तथा कोर ३७८९ है। पथिममें साhिan पामदाबाद गन्य है।सरी मागर जिलेकी गई सासौलका सदर । या सम्बाई ५.० मील, चौड़ाई ४०० मीस पोर क्षेत्रफल पचा. २४.३० पौर देशा००८ २० पू. में वीनाको प्रायः दो लाख वर्गमौक है। यह मोमा लेकर कई बार रणधे साइन पर पड़ता है। पावादी सगभग १२ खुरासानके उपर विपियों पाक्रमण किया। इसके है। पब सरसौलो एक पुराने किले में लगती। यहां माना स्वाममें बहुत दफा नाम परिवतन वा । बहुत जैन बसते और उनके पच पच्के मन्दिर देख पात्रकम भी सीमान्तवासी भित्र भित्र जाति से मिक पड़ते है । १८५७०को यहां म्यूमिसपालिटी । भित्र भाम का करती है। मुगलसम्मान वापरने